हाईकोर्ट करेगा चंडीगढ़ क्लब के खिलाफ याचिका की वैधता पर फैसला
क्लब के कामकाज में अनियमितताओं पर दायर याचिका की सुनवाई, निष्पक्ष जांच की अपील
चंडीगढ़: यहां के प्रतिष्ठित क्लब के कामकाज में अनियमितताओं के आरोपों पर दायर जनहित याचिका की वैधता को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट किया है। कोर्ट ने कहा कि सबसे पहले यह तय करना जरूरी है कि क्लब के खिलाफ दायर याचिका वैध है या नहीं। यह याचिका क्लब के सदस्य रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल कबोतरा द्वारा दायर की गई है, जिसमें क्लब पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
याची ने हाईकोर्ट से मांग की है कि क्लब में अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कराई जाए और लीज डीड की शर्तों तथा कंपनीज एक्ट 1956 के उल्लंघन को रोकने के लिए कोर्ट द्वारा एक प्रशासक नियुक्त किया जाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि क्लब द्वारा बिल्डिंग बायलॉज का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया जा रहा है।
याचिका के मुख्य आरोप:
- बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन: क्लब की ओर से नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
- पदाधिकारियों का दोबारा चुनाव: नियमों के अनुसार तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दो साल तक चुनाव न लड़ने का प्रावधान है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा।
- सामान्य बैठक: क्लब की वार्षिक जनरल मीटिंग आयोजित नहीं की जा रही है।
- कैटरिंग कंपनी को लाभ: मामूली लीज मनी पर स्थायी टेंट लगाने का आरोप।
- भाई-भतीजावाद: क्लब के प्रेजिडेंट और पूर्व प्रेजिडेंट के रिश्तेदारों को बिना प्रक्रिया के नियुक्ति दी गई।
याची ने कोर्ट से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने और क्लब की प्रबंधन समिति को बदलने की मांग की है।
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