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कानपुर : कानपुर में लाल इमली मिल के पांच जीवित कर्मचारियों को पीएफ विभाग के पोर्टल पर मृत घोषित कर दिया गया, जिससे मिल कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। गुरुवार को जब एक कर्मचारी ने अपने पीएफ खाते की जांच की, तो वह खुद को मृत पाया, जिसके बाद उसने अन्य कर्मचारियों से इस मुद्दे पर चर्चा की। संघ अध्यक्ष अजय सिंह और तीन अन्य कर्मचारियों ने भी अपना खाता चेक किया और पाया कि उन्हें भी अप्रैल और मई 2022 में मृत घोषित किया गया था। यह गड़बड़ी पीएफ पोर्टल पर दिखी, जिसमें कर्मचारियों का जीवन रेखा प्रभावित हो रही थी।
संघ अध्यक्ष अजय सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कहा कि वह पीएफ कार्यालय में जाकर इस गड़बड़ी की पूरी जानकारी हासिल करेंगे और उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराएंगे। उन्होंने अन्य कर्मचारियों से भी आग्रह किया कि वे अपना पीएफ खाता जांचें ताकि इस तरह की गड़बड़ी से बचा जा सके। यह घटना कर्मचारियों के लिए खासा चिंताजनक थी, क्योंकि मृत दिखाए गए पांच कर्मचारियों में दो कार्यरत और तीन सेवानिवृत्त थे।
इसके साथ ही, सूत्रों से पता चला है कि मिल के कर्मचारियों को नियमित पीएफ भुगतान नहीं मिल रहा है। जुलाई 2023 में कर्मचारियों को जून 2019 से मार्च 2022 तक का वेतन तो दिया गया था, लेकिन पीएफ पर्ची नहीं दी गई। यह मामला मिल के कर्मचारियों के लिए एक और बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है, क्योंकि वे समय पर अपनी पीएफ की स्थिति जानने में असमर्थ हैं।
इस संदर्भ में, यह घटना आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में हुए 2022 के घोटाले से भी जुड़ी है। इस घोटाले में फर्जी कंपनियों द्वारा कानपुर रीजन में 57 लाख रुपये का घोटाला किया गया था। इस मामले में 600 से अधिक प्रतिष्ठानों को संदिग्ध सूची में डाला गया था और एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इस संदर्भ में यह सवाल उठता है कि पीएफ पोर्टल पर इस तरह की गड़बड़ी कितनी गंभीर है और क्या यह किसी बड़े घोटाले का हिस्सा है, जिसका खुलासा भविष्य में हो सकता है।
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