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रूस में होमगार्ड बनने गए राकेश, जबरन युद्ध में भेजे गए: सनसनीखेज खुलासे

राकेश यादव ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अनुभव किए गए भयावह हालात का किया खुलासा, भारतीय युवाओं के साथ धोखाधड़ी की दास्तान सुनाई।

सुल्तानपुर लोधी: रूस-यूक्रेन युद्ध के खौ़फनाक मंजरों को करीब से देखने के बाद जब राकेश यादव भारत लौटे, तो उनकी आंखों में आज भी उस दर्द और खौ़फ की छाप साफ दिखाई देती है। रूस में होमगार्ड की नौकरी की तलाश में पहुंचे राकेश को वहां जबरन रूस की सेना में भर्ती कर लिया गया और उन्हें युद्ध में झोंक दिया गया। उन्होंने अपने अनुभवों का खुलासा करते हुए बताया कि किस तरह एजेंटों ने उन्हें और उनके जैसे अन्य भारतीय युवाओं को धोखे से युद्ध में भेज दिया।

राकेश ने बताया कि उन्हें और उनके पांच अन्य साथियों को होमगार्ड की नौकरी के लिए रूस बुलाया गया था, लेकिन जैसे ही वे वहां पहुंचे, उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया और रूस-यूक्रेन युद्ध में भेज दिया गया। वहां उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग दी गई और फिर युद्ध में भेज दिया गया। राकेश ने बताया कि 17 जून, 2024 को उनके एक साथी की ग्रेनेड धमाके में मौत हो गई और एक अन्य साथी की जान ड्रोन हमले में गई। इसके अलावा, राकेश ने यह भी खुलासा किया कि रूस में तैनाती के दौरान उनकी जमा पूंजी और मुआवजे के पैसे भी एजेंटों ने निकाल लिए।

राकेश ने यह भी दावा किया कि अभी भी रूस में 25 भारतीय युवा जबरन युद्ध में लड़े जा रहे हैं। उन्होंने भारतीय सरकार से मांग की कि उन्हें तुरंत सुरक्षित वापस लाया जाए और इस धोखाधड़ी में शामिल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

राकेश ने कहा कि सरकार को इस मामले में त्वरित कदम उठाना चाहिए ताकि अन्य भारतीयों को इस तरह के शोषण से बचाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार को रूस से फंसे हुए भारतीयों को जल्द से जल्द स्वदेश वापस लाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।

संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने राकेश यादव और अन्य परिवारों से मिलकर उन्हें समर्थन दिया और आश्वासन दिया कि इस मामले को संसद में उठाने की कोशिश की जाएगी, ताकि धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों और रूस की सेना के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

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