मार्च में दो बार लगेगा ग्रहण, क्या भारत पर पड़ेगा असर..
इस मार्च में दो ग्रहण लगने वाले हैं—एक सूर्यग्रहण और एक चंद्रग्रहण। जानिए इनका भारत पर प्रभाव और ज्योतिषीय महत्व…
मार्च का महीना खगोलीय घटनाओं के लिहाज से काफी खास होने वाला है, क्योंकि इस महीने में दो बड़े ग्रहण लगने जा रहे हैं। पहला सूर्यग्रहण होगा, जो आंशिक रूप से कुछ हिस्सों में दिखाई देगा, जबकि दूसरा चंद्रग्रहण होगा, जिसे भारत सहित कई देशों में देखा जा सकेगा। खगोलशास्त्रियों के अनुसार, ग्रहण एक सामान्य खगोलीय प्रक्रिया है, लेकिन ज्योतिषशास्त्र में इसे विशेष महत्व दिया जाता है। भारत में ग्रहणों को लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं, जिसके चलते लोग इस दौरान विशेष उपाय और सावधानियां बरतते हैं।
सूर्यग्रहण आमतौर पर तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए रोक देता है। इस साल मार्च में लगने वाला सूर्यग्रहण आंशिक होगा, जिसका प्रभाव कुछ देशों में देखा जाएगा, लेकिन भारत में इसकी दृश्यता सीमित रह सकती है। वहीं, चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा की सतह पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। इस बार का चंद्रग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा और इसका ज्योतिषीय प्रभाव भी बताया जा रहा है।
ग्रहणों का असर ज्योतिषीय दृष्टि से अलग-अलग राशियों पर विभिन्न रूपों में पड़ता है। कुछ राशियों के लिए यह सकारात्मक परिणाम ला सकता है, जबकि कुछ के लिए यह समय सतर्कता बरतने का संकेत देता है। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है, जैसे भोजन न करना, मंत्र जाप करना और स्नान आदि करना।
हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहणों का प्रभाव पृथ्वी पर ज्यादा नहीं पड़ता, लेकिन कई लोग अब भी मानते हैं कि इन घटनाओं से ऊर्जा और वातावरण पर असर पड़ सकता है। ग्रहणों को देखने के लिए खगोल प्रेमियों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर होता है, क्योंकि यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना होती है जिसे खास उपकरणों से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है।
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