पवन कल्याण के भाई नागा बाबू होंगे नायडू कैबिनेट का हिस्सा, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
अमरावती: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के भाई के. नागा बाबू को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को की। नागा बाबू, जिन्हें नागेंद्र बाबू के नाम से भी जाना जाता है, जन सेना पार्टी से चौथे मंत्री होंगे और गठबंधन के तहत उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जा सकती है।
राज्य मंत्रिमंडल में जन सेना की जगह:
टीडीपी ने हाल ही में राज्यसभा उपचुनाव के लिए दो उम्मीदवारों का नाम घोषित किया और एक सीट अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा के लिए छोड़ दी। इसके बाद, राज्य मंत्रिमंडल में जन सेना को भी शामिल करने का फैसला लिया गया है। चूंकि नागा बाबू विधानसभा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए गठबंधन उन्हें विधान परिषद में मनोनीत कर सकता है, ताकि उन्हें मंत्री बनने का अवसर मिल सके।
जन सेना का राजनीतिक महत्व:
जन सेना पार्टी आंध्र प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विधानसभा में जन सेना के पास 21 सीटें हैं, जबकि टीडीपी के पास 135 और भाजपा के पास 8 सीटें हैं। इससे साफ है कि टीडीपी और जन सेना का गठबंधन राज्य की सत्ताधारी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है। फिलहाल, जन सेना के तीन मंत्री चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल में शामिल हैं: पवन कल्याण (जन सेना अध्यक्ष), नादेंडला मनोहर और कंडुला दुर्गेश।
नागा बाबू का राजनीतिक सफर:
नागा बाबू, जो एक अभिनेता और फिल्म निर्माता भी हैं, ने 2014 में पवन कल्याण द्वारा जन सेना पार्टी की स्थापना के बाद से सक्रिय रूप से पार्टी के लिए काम किया है। इससे पहले, उन्होंने 2008 में अपने बड़े भाई चिरंजीवी द्वारा गठित प्रजा राज्यम पार्टी (पीआरपी) के लिए भी प्रचार किया था, लेकिन 2009 के चुनावों में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ था। इसके बाद, चिरंजीवी ने पीआरपी का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया था।
नागा बाबू का टीडीपी में शामिल होना और मंत्री बनने का निर्णय आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक नई दिशा में बदलाव का संकेत दे सकता है। चंद्रबाबू नायडू द्वारा उन्हें मंत्री पद पर नियुक्ति से जन सेना और टीडीपी के बीच सहयोग मजबूत होगा, और राज्य में अगले चुनावों के लिए यह गठबंधन और भी प्रभावशाली हो सकता है।
निष्कर्ष:
नागा बाबू का मंत्रिमंडल में शामिल होना जन सेना पार्टी के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे उनके राजनीतिक प्रभाव को और बढ़ावा मिलेगा। उनके मंत्री बनने से टीडीपी-जन सेना गठबंधन को एक नई मजबूती मिलेगी, और आगामी चुनावों में इन दोनों पार्टियों के गठबंधन का बड़ा असर देखा जा सकता है।