चितकारा यूनिवर्सिटी को टाइम्स हायर एजुकेशन इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 में मिली वैश्विक मान्यता
चंडीगढ़ : चितकारा यूनिवर्सिटी ने वैश्विक शैक्षणिक मंच पर प्रमुख स्थान प्राप्त किया है। यूनिवर्सिटी को टाइम्स हायर एजुकेशन इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025.में विश्व में 161वीं रैंकिंग प्राप्त हुई है। जबकि भारत में इसने 13वां स्थान हासिल किया है। श्मिट साइंस फेलो के सहयोग से विकसित यह प्रतिष्ठित रैंकिंग इंटरडिसिप्लिनरी साइंस में यूनिवर्सिटी की उत्कृष्टता पर मुहर लगाती है।
यूनिवर्सिटी की विज्ञप्ति के अनुसार, 92 देशों के 749 विश्वविद्यालयों में से, चितकारा यूनिवर्सिटी ने नवोन्मेषी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के प्रति अपने समर्पण का प्रदर्शन करते हुए अकादमिक उत्कृष्टता में खुद को प्रतिष्ठित किया है। भारत ने भी इस रैंकिंग में अपना एक मजबूत प्रभाव डाला है, जिसमें 65 संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हैं जोकि वैश्विक शैक्षणिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में देश की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाती है।
“प्रोसेस पिलर” में भारत में 7वें स्थान हासिल करने की उपलब्धि ने चितकारा यूनिवर्सिटी की सफलता को और भी उजागर किया गया है। इस कैटेगरी में संस्थानों को उनके मजबूत प्रशासनिक ढांचे, उन्नत सुविधाएं और अनुसंधान के अनुकूल वातावरण जो विभिन्न विषयों में सहयोग को प्रोत्साहित करता है, पर आंका जाता है। इस तरह की उपलब्धियां यूनिवर्सिटी की उस प्रतिबद्धता पर जोर देती हैं जहां शोधकर्ता पारंपरिक शैक्षणिक सीमाओं को तोड़ सकते हैं और रचनात्मक तरीके से खोजने के लिए एक साथ काम कर सकते है।
इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 तीन प्रमुख क्षेत्रों में विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है: इनमे पहला “इनपुट्स” है जो कि जो फंडिंग और संसाधनों का आकलन करते हैं। दूसरी ; “प्रक्रियाएं”, जो संस्थागत सहायता प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करती हैं; और “तीसरा” आउटपुट है जिसमें अनुसंधान की गुणवत्ता, प्रभावशाली प्रकाशन और समग्र प्रतिष्ठा को ध्यान में रखा जाता है। इन क्षेत्रों में चितकारा यूनिवर्सिटी का उत्कृष्ट प्रदर्शन इसके अनुसंधान में विचारशील निवेश को दर्शाने के साथ साथ जी चितकारा यूनिवर्सिटी के विविध शैक्षणिक अन्वेषण के लिए संकाय और छात्रों को सशक्त बनाने के अपने दृढ़ संकल्प को भी प्रदर्शित करता है।
यह उपलब्धि चितकारा यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक विभाजन को पाटने और एक ऐसा माहौल बनाने के दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें नवाचार की संस्कृति को पैदा किया जा सके। यूनिवर्सिटी लगातार अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को वास्तविक दुनिया की जरूरतों के साथ जोड़ता है ताकि इसकी वैश्विक स्तर पर अलग से पहचान हो। इंटरडिसिप्लिनरी पहल और सहयोगात्मक सोच को प्रोत्साहित करके चितकारा यूनिवर्सिटी विश्व के शीर्ष संस्थानों में अपना स्थान सुरक्षित बनाए हुए है।
चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा ने इस उपलब्धि पर अपनी खुशी साझा करते हुए कहा,कहा कि “इंटरडिसिप्लिनरी साइंस का मतलब सिर्फ विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ना नहीं है बल्कि इसका मतलब है ऐसा परिवर्तनकारी दृष्टिकोण बनाना जो कि सीमाओं से परे पहुँचते हैं और जीवन को बेहतर बनाते हैं। यह हमारे नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता, हमारे प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं का समर्पण और हमारा एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए मिशन को मान्यता देती है। चितकारा यूनिवर्सिटी को वैश्विक मंच पर चमकते देखना गर्व का एक क्षण है” | (युद्धवीर सिंह की रिपोर्ट)
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