चंडीगढ़ में वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट: एनटीपीसी के वाराणसी प्लांट की राह पर
चंडीगढ़ नगर निगम डड्डूमाजरा में 550 टीडीपी का इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (आईएसडब्ल्यूएम) फैसिलिटी स्थापित करने के लिए वेस्ट-टू-चारकोल तकनीकी पर काम कर रहा है। यह पहल केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के निर्देशों के तहत शुरू हुई, जिन्होंने नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) से संपर्क किया था। एनटीपीसी ने पहले वाराणसी में वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट की स्थापना की है, जो मार्च 2025 तक पूरी तरह से कार्यात्मक हो जाएगा। इस प्लांट की सफलता के बाद, चंडीगढ़ में इसी तकनीक को लागू करने के लिए एक जॉइंट वेंचर स्थापित किया जाएगा।
वाराणसी का प्लांट, जो शहर के कचरे को कोयले में बदलने का पहला उदाहरण है, प्रतिदिन 600 मीट्रिक टन कचरे से 200 मीट्रिक टन कोयला उत्पन्न करने की क्षमता रखता है। इस प्लांट की सफलता पर ही चंडीगढ़ में वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट की स्थापना निर्भर करेगी।
मौजूदा समय में, चंडीगढ़ के कचरा प्रबंधन के लिए नया 550 टीडीपी प्लांट प्रस्तावित है, जिसका उद्देश्य डड्डूमाजरा में बढ़ते कचरे की समस्या को हल करना है। नगर निगम ने इस परियोजना के लिए एनटीपीसी से सहयोग की उम्मीद जताई है और आगामी महीनों में इस पहल को वास्तविकता में बदलने की योजना बनाई है।
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