चंडीगढ़ में विदेशी विद्यार्थी संगीत-नृत्य सीखने से पहले हिंदी का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं
विदेशी छात्रों में हिंदी फिल्म, गाने और परिधान को लेकर काफी क्रेज है। इस वजह से कई देशों के छात्र भारतीय संगीत और नृत्य सीखने के लिए चंडीगढ़ और मोहाली के प्राचीन कला केंद्र पहुंचते हैं। यहां सबसे पहले उन्हें हिंदी की जानकारी दी जाती है, उसके बाद उनकी कक्षाएं शुरू होती हैं। हिंदी भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा होने के साथ-साथ दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हाल के वर्षों में हिंदी भाषा का प्रभाव और दायरा लगातार बढ़ रहा है।
मोहाली के सेक्टर-71 स्थित प्राचीन कला केंद्र की प्रबंधक इंदु शर्मा ने बताया कि प्राचीन कला केंद्र में हर साल विदेश से सांस्कृतिक नृत्य और संगीत सीखने के लिए विदेशी विद्यार्थी दाखिला लेते हैं। प्राचीन कला केंद्र गुरु-शिष्य स्कॉलरशिप के तहत विदेशी विद्यार्थियों को भारत आने का मौका देता है, जिसमें गुरु मां शोभा कौसर द्वारा विदेशी विद्यार्थियों को कला के गुण और संस्कार सिखाए जाते हैं। भाषा के साथ ही भारतीय संस्कृति और परंपरा को अपनाने के लिए विदेशी छात्र खुद को भारत आने से रोक नहीं पा रहे। भाषा की स्वीकृति हो या फिर खाने और वेशभूषा को अपनाना हो, हर चीज के लिए विदेशी विद्यार्थी देश में आकर रहने के लिए तैयार हैं।
इजिप्शियन रीवान अबीलनसिर: इजिप्ट की रहने वाली रीवान ने 2019 में पहली बार भारत घूमने के लिए आई थी। रीवान ने बताया कि उन्हें कथक के प्रति काफी प्रेम है। कथक के साथ ही उन्होंने हिंदी भाषा और कई सारे गीतों को भी सीखा है। उन्होंने कहा कि वह हिंदी भी काफी अच्छे से बोलती हैं। रीवान बताती है कि अब भारत से वापस जाने का मन ही नहीं करता है।
तजाकिस्तान की आसीन: आसीन 2022 में गुरु-शिष्य स्कॉलरशिप के तहत भारत आईं। आसीन ने बताया कि उन्हें भारतीय वेशभूषा काफी पसंद है और वह आम दिनों में भी सूट और कई भारतीय परिधानों को पहनना पसंद करती हैं। उन्होंने भारत में रहकर तबला, हार्मोनियम, और कथक को लगन के साथ सीखा है। वह अब हिंदी भी सीख चुकी हैं।
कजाकिस्तान की लूनारा: लूनारा ने भारत में तीन साल कथक सीखने के लिए दाखिला लिया है। लूनारा बताती है कि उन्हें देश में एक वर्ष का समय हो गया है और इतने कम समय में उन्होंने भारतीय नृत्य सीखा है। उन्हें भारतीय खाना जैसे पनीर और राजमा भी बहुत पसंद हैं।
रामीना: रामीना ने कहा कि भारत की परंपरा और भाषा अपने आप लोगों को यहां खींच कर ले आती है। रामीना बताती है कि देश की सबसे खूबसूरत बात यहां के लोगों का व्यवहार है, जो काफी सरल और प्रेमभाव वाला है। भारत का खाना भी काफी पसंद है और रामीना बताती है कि उनके देश में भी चाय को काफी पसंद किया जाता है।
बांग्लादेश के नाहियान और शौअरीन: नाहियान और शौअरीन बांग्लादेश के रहने वाले हैं। दोनों गीत और संगीत के प्रति काफी दिलचस्पी रखते हैं। नाहियान बताते हैं सांस्कृतिक कलाओं का महत्व होता है, और शौअरीन ने बताया कि देश की खूबसूरती उसकी कला और संस्कृति है।
जिम्बाब्वे के ग्लेंडेल मुद्जिमू: ग्लेंडेल ने 2012 में पहली बार भारत आए थे। ग्लेंडेल बताते हैं कि भरतनाट्यम एक सुंदर और विभिन्न प्रकार का नृत्य है, जो समर्पण के बाद ही सही तरीके से किया जा सकता है। ग्लेंडेल ने भारत में कई साल बिताए हैं और यहां से सांस्कृतिक नृत्य सीखकर कुछ समय के लिए अपने देश जिम्बाब्वे के विद्यार्थियों को भी सिखाया है।
Comments are closed.