एजीसी में पारंपरिक बैसाखी उत्सव..
विद्यार्थियों और स्टाफ ने मिलकर पारंपरिक पहनावे में भाग लिया, गीत-संगीत व नृत्य से सजी विशेष प्रस्तुति…
अमृतसर : ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ (एजीसी) में बैसाखी का पर्व बड़े ही धूमधाम और पारंपरिक अंदाज़ में मनाया गया। कॉलेज परिसर को रंग-बिरंगे पोस्टरों, फूलों और पंजाबी संस्कृति को दर्शाते प्रतीकों से सजाया गया था। इस अवसर पर छात्र-छात्राएं पारंपरिक पंजाबी पोशाकों में सजे-धजे नजर आए और पूरे आयोजन में उत्साह से भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश और अरदास के साथ हुई। इसके बाद एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें भांगड़ा, गिद्धा और पंजाबी फोक गीतों की झलक ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए नृत्य और गीतों ने ना केवल पंजाब की समृद्ध संस्कृति को दर्शाया बल्कि सभी दर्शकों को उत्सव की भावना से भर दिया।
कॉलेज प्रबंधन ने अपने संबोधन में कहा कि बैसाखी सिर्फ एक फसल काटने का त्योहार नहीं, बल्कि यह नवचेतना, परिश्रम और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का माध्यम हैं और यह उन्हें सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों से भी जोड़ते हैं।
बैसाखी के मौके पर पारंपरिक पंजाबी व्यंजनों का भी विशेष इंतजाम किया गया था, जिसमें सरसों का साग, मक्की दी रोटी और मीठे पकवानों ने सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एकजुट होकर पंजाब की खुशहाली और देश की समृद्धि की कामना की।
कॉलेज के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने मिलकर जिस तरह इस आयोजन को जीवंत बनाया, वह यह दर्शाता है कि आज भी युवाओं में अपनी जड़ों और संस्कृति के लिए गहरी आस्था और लगाव है।
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