इशान किशन का ‘डबल धमाका’, 24 साल की उम्र में किया गजब काम, बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सितारे इशान किशन ने आज ही के दिन यानी 10 दिसंबर 2022 को एक ऐतिहासिक पारी खेली थी, जो उनके करियर और वनडे क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई। इस दिन, इशान किशन ने बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में दोहरा शतक जमाया और कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड्स अपने नाम किए।
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की झड़ी:
इशान किशन वनडे क्रिकेट में पहले बल्लेबाज बने जिन्होंने अपने पहले ही शतक को दोहरे शतक में बदला।
वे वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जमाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने, और यह कारनामा उन्होंने 24 साल की उम्र में किया।
कैसी रही पारी:
चटग्राम में खेले गए इस मैच में, इशान किशन ने 131 गेंदों पर 210 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 24 चौके और 10 छक्के लगाए। उनकी इस पारी के साथ ही उन्होंने वनडे क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
इशान ने 126 गेंदों पर दोहरा शतक पूरा किया, जो उस समय वनडे क्रिकेट के सबसे तेज दोहरे शतक के रूप में दर्ज किया गया।
टीम इंडिया की शानदार साझेदारी:
इस मैच में इशान किशन ने शिखर धवन के साथ ओपनिंग की, हालांकि धवन जल्दी आउट हो गए। इसके बाद, विराट कोहली का साथ मिला, और दोनों के बीच 290 रनों की साझेदारी हुई, जो बांग्लादेश के खिलाफ वनडे क्रिकेट में किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। विराट कोहली ने भी इस मैच में 113 रन की शानदार पारी खेली। इन दोनों के दम पर भारत ने 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 409 रन बनाए।
बांग्लादेश की बल्लेबाजी फेल:
भारत द्वारा दिए गए विशाल लक्ष्य के सामने बांग्लादेश की टीम पूरी तरह से नतमस्तक हो गई। बांग्लादेश की टीम 34 ओवरों में 182 रन ही बना सकी। उनके लिए शाकिब अल हसन ने सबसे ज्यादा 43 रन बनाए। भारत के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें शार्दूल ठाकुर ने 3 विकेट, अक्षर पटेल और उमरान मलिक ने 2-2 विकेट, और मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, और वॉशिंगटन सुंदर ने 1-1 विकेट लिया।
इशान किशन की वापसी की उम्मीदें:
हालांकि इस समय इशान किशन भारतीय टीम से बाहर हैं, लेकिन उनकी यह पारी बताती है कि यदि वह टीम में वापस आते हैं तो उनके लिए शानदार संभावनाएं हैं। उनका आक्रामक बल्लेबाजी का तरीका और टीम के लिए योगदान उन्हें एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना सकता है।
इशान किशन के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को देखकर यह कहा जा सकता है कि क्रिकेट में उम्र सिर्फ एक संख्या है और युवा खिलाड़ी जब भी मौका मिलता है, वह खुद को साबित कर सकते हैं।