भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। आज सेंसेक्स 355 अंकों की गिरावट के साथ 81,393.11 पर पहुंच गया। निफ्टी भी लाल निशान में कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के पीछे वैश्विक और घरेलू कारणों का बड़ा योगदान है।
गिरावट के मुख्य कारण
वैश्विक बाजार का दबाव
अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी से वैश्विक बाजार पर दबाव।
चीन की कमजोर आर्थिक स्थिति और मंदी की आशंका।
घरेलू चिंताएं
महंगाई में बढ़ोतरी और आर्थिक मांग में कमी।
फाइनेंस और ऊर्जा सेक्टर में कमजोरी।
एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) का रुख
भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी।
तेजी की उम्मीदें: कब सुधरेगा बाजार?
महंगाई में कमी
जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) महंगाई पर काबू पाएगा, बाजार में स्थिरता आ सकती है।
अंतरराष्ट्रीय सुधार
ग्लोबल मार्केट से सकारात्मक संकेत मिलने पर तेजी का माहौल बन सकता है।
निवेशकों की नई रणनीति
निवेशकों का फोकस अब सुरक्षित और ग्रोथ-ओरिएंटेड शेयरों पर है, जिससे बाजार का संतुलन बन सकता है।
निवेशकों के लिए सुझाव
लंबी अवधि पर ध्यान दें
बाजार की मौजूदा गिरावट दीर्घकालिक निवेश के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।
विविध पोर्टफोलियो बनाएं
रियल एस्टेट, गोल्ड और बैलेंस्ड फंड में निवेश करें।
विशेषज्ञों की सलाह लें
किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञों की राय लें।
निष्कर्ष:
शेयर बाजार की मौजूदा गिरावट निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह सही रणनीति अपनाने का समय भी है। बाजार की तेजी वापस आने में समय लग सकता है, लेकिन लंबे समय में स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
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