आरईसीपीडीसीएल और बीएचईएल ने यूटिलिटी स्केल आरई परियोजनाओं के लिए एसपीवी बनाने के लिए समझौता किया
गुरुग्राम: महारत्न सीपीएसई आरईसी लिमिटेड (REC Ltd.) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (RECPDCL) ने 15 मार्च को नई दिल्ली में महारत्न सीपीएसई भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एमओयू का लक्ष्य देश भर में उपयोगिता पैमाने की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के संयुक्त विकास है, जिससे एक समर्पित विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के माध्यम से देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान दिया जा सके।
एसपीवी से बीएचईएल की मुख्य इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और आरईसी लिमिटेड की बुनियादी ढांचा निवेश विशेषज्ञता से लाभ होगा। यह एसपीवी 1 गीगावॉट की प्रारंभिक क्षमता के साथ विशेषतः वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) खंड की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा जिसे आगे बढ़ाया जाएगा।
आरईसी लिमिटेड के सीएमडी, विवेक कुमार देवांगन, बीएचईएल के सीएमडी कोप्पू सदाशिव मूर्ति,और वी के सिंह, निदेशक (परियोजनाएं), आरईसी, राजेश कुमार, सीईओ, आरईसीपीडीसीएल और सुश्री बानी वर्मा, निदेशक, आईएसएंडपी, बीएचईएल की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
आरईसी के सीएमडी ने एमओयू के लिए दोनों कंपनियों को बधाई दी, साथ ही सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने आगे कहा, “हमें उपयोगिता पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास पर केंद्रित एक संयुक्त उद्यम के गठन के लिए बीएचईएल के सहयोग विनिर्माण और इंजीनियरिंग में बीएचईएल की सिद्ध विशेषज्ञता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हमारे व्यापक अनुभव को एक साथ लाएगा। यह एसपीवी भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और स्वच्छ एवं हरित भविष्य में योगदान देगा।”
इस अवसर पर, बीएचईएल सीएमडी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दोनों संगठनों की संयुक्त ताकत का लाभ उठाने के लिए आरई सेगमेंट में पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं।
आरईसीपीडीसीएल आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न वितरण सुधार परियोजनाओं के लिए 50 से ज्यादा राज्य बिजली वितरण कंपनियों और राज्यों के बिजली विभागों को ज्ञान आधारित परामर्श और विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान कर रही है। आरईसीपीडीसीएल ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं और आरई-बंडलिंग परियोजनाओं में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में कार्य कर रहा है। पीएमडीपी और आरडीएसएस परियोजनाओं के तहत आरईसीपीडीसीएल गुजरात, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्मार्ट मीटरिंग, वितरण और ट्रांसमिशन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उन्नयन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। अपनी मुख्य क्षमताओं से परे, आरईसीपीडीसीएल अब महत्वपूर्ण अधिशेष नकदी परिसंपत्तियों के निवेश द्वारा स्थिर राजस्व की धारा उत्पन्न करने के लिए विविध व्यवसाय मॉडल के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उद्यम करने की तैयारी कर रहा है।
आरईसी लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के तहत एक ‘महारत्न‘ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यहआरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।
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