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चीन में एचएमपीवी वायरस से बढी चिंता : डॉ पुरोहित

समाचारों पर प्रतिबंध के बावजूद चीन से इन्फ्लूएंजा, न्यूमोनिया और कोविड-19 जैसे बढ़ते मामलों की रिपोर्टस आ रही हैं

हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ *डॉ नरेश पुरोहित (सलाहकार, हॉस्पिटल प्रबंधन एसोसिएशन),का चीन में बदलते वायरस स्वरूप पर एक लेख

बीजिंग/नई दिल्ली: सर्दी के मौसम में चीन में सांस संबंधी बीमारियों, खास तौर पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की संख्या काफी बढ़ रही है। यह कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद सामने आया है। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अस्पतालों में बहुत भीड़ देखी जा रही है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि चीन मे इमरजेंसी लागू कर दी है। यह खुलासा राष्ट्रीय संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ नरेश पुरोहित ने करते हुए न्यूज ऑन राडर को बताया कि
सोशल मीडिया पोस्ट और ऑनलाइन वीडियो में भीड़भाड़ वाले अस्पतालों को दिखाया गया है। यह दावा किया जा रहा हैं कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और यहां तक ​​कि कोविड-19 समेत कई वायरस एक साथ फैल रहे हैं। इसके साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी दबाव बढ़ गया है। बच्चों के अस्पतालों में निमोनिया और व्हाइट लंग्स के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है कि चीनी सरकार ने देशभर में इमरजेंसी घोषित कर दी है। वहीं, चीनी सरकार या डब्ल्यूएचओ की तरफ से कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

उन्होने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भी कोरोना की ही तरह इंसान के श्वसन पथ को इंफेक्ट करता है। यह न्युमोवायरिडे परिवार के मेटापन्यूमोवायरस क्लास से जुड़ा है। इसे सबसे पहले 2001 में डच शोधकर्ताओं ने खोजा था। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन संक्रमण का कारण बनता है और खांसने या छींकने से फैलता है। संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से भी यह तेजी से फैल सकता है। एचएमपीवी के मामले केवल चीन में ही रिपोर्ट किए गए हैं, भारत या अन्य देशों में कोई मामला नहीं पाया गया है। चीन में वायरस की गंभीरता अभी भी साफ नहीं है, लेकिन संक्रमण को रोकने के लिए सावधानियां बरती जा रही हैं।

डॉ पुरोहित ने आगे बताया कि चीन में इस वायरस के फैलने के बाद भारत सरकार भी सतर्क हो गई है । राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने श्वसन संबंधी और मौसमी बीमारियों पर करीबी निगरानी शुरू कर दी है।

सरकारी सूत्रों ने कहा है कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और जैसे ही पुख्ता जानकारी मिलती है, जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

वायरस से किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
वैसे तो हर उम्र के लोग इस वायरस से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों को है. ऐसे लोगों को विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी गई है.

वायरस से बचाव के उपाय: इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना वायरस जैसी ही सावधानियां बरतने की जरूरत है। नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं।  आंख, नाक और मुंह को गंदे हाथों से छूने से बचें ।
उन्होंने चेताया कि अगर लक्षण महसूस हों, तो खुद को आइसोलेट करें।
बीमार होने पर घर पर आराम करें और दूसरों से संपर्क कम करें।
फिलहाल भारत में इस वायरस के कोई मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन सरकार लगातार स्थिति पर नजर रख रही है। विशेषज्ञों के अनुसार सावधानी ही इस वायरस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है |


*डॉ नरेश पुरोहित- एमडी, डीएनबी , डीआई एच , एमएचए, एमआरसीपी (यूके) एक महामारी रोग विशेषज्ञ हैं। वे भारत के राष्ट्रीय संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार हैं। मध्य प्रदेश एवं दूसरे प्रदेशों की सरकारी संस्थाओं में विजिटिंग प्रोफेसर हैं। राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम , राष्ट्रीय पर्यावरण एवं वायु प्रदूषण के संस्थान के सलाहकार हैं। एसोसिएशन ऑफ किडनी केयर स्ट्डीज एवं हॉस्पिटल प्रबंधन एसोसिएशन के भी सलाहकार हैं।

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