कुरुक्षेत्र: महाभारत के रणक्षेत्र में आने वाली 5 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी और मनोहरलाल खट्टर की सेना क्या विशाल विपक्षी दलों के (कौरव पक्ष) को परास्त कर पाएगी, यह यक्ष-प्रश्न सब चुनाव विशेषज्ञों के मन में घूम रहा है।
हालांकि आने वाले राज्य विधान सभा चुनाव की तुलना महाभारत से करना अतिशयोक्ति ही है, परंतु महाभारत काल की तरह देश की राजनीति की कोई धर्म मर्यादा नहीं रही है। लोकतंत्र के किरदादारों के सिद्धांत कुर्सी के इर्द-गिर्द ही घूमते नज़र आते हैं।
भाजपा जो पिछले 10 वर्षों से प्रदेश पर राज कर रही थी, और बहुत से लोक लुभावने कार्यक्रमों, जन कल्याण योजनाओं द्वारा जनता को लुभाने में व्यस्त थी, परंतु उसकी दूसरे कार्यकाल में उपलब्धियां गिनाने योग्य कुछ भी नहीं है। अढ़ाई साल की प्राकृतिक आपदा कोविड-19 के बाद किसान आंदोलन ने हरियाणा (और पंजाब) की राजनीति को जकड़ रखा, उसकी राज्य सरकार डबल इंजन के बावजूद अपनी पटरी से उतरी ही रही।
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार की हजारों उपलब्धियों के बावजूद प्रदेश की राजनीति अकर्मण्यता और अस्थिरता की शिकार रही।
विपक्ष पोषित किसान आंदोलन असंभव जैसी ‘कृषि उत्पाद मूल्यों की MSP गारंटी’ को लेकर अड़ा रहा जो मृग मरीचिका की तरह पिछले 4 दशकों से पक्ष – विपक्ष के बीच ‘उबले हुए आलू’ की तरह उत्तर भारत के 4 मुख्य प्रदेशों में उछलते हुए राजनीति पर छाया रहा।
कृषि विशेषज्ञों के फ़सल रोटेशन, विविधता के सुझाव, राजनीति की कुर्सी के पायों तले दब गए। केंद्र सरकार द्वारा गठित ‘एमएसपी समिति’ को किसानों ने बेकार बताया और परिणाम शून्य ही रहा।
हरियाणा में मुख्यत: तिकोणा मुक़ाबला: 1966 में पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा की राजनीति मुख्यता: कांग्रेस के (3 लालों- बंसी लाल, देवीलाल और भजन लाल) के इर्दगिर्द ही घूमती रही। आज केवल चौधरी देवीलाल (भूतपुर्व उप प्रधानमंत्री) के परिवार के अलावा बंसीलाल और भजनलाल के परिवार के भी नाममात्र नुमाइंदे प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं–किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई |
लेकिन 2014 में लोक सभा और हरियाणा चुनाव जीत कर मोदी -अमित शाह की चाणक्य नीति ने पुराने आरएसएस साथियों मनोहरलाल खट्टर और अनिल विज को ला कर प्रदेश की राजनीति को नया मोड़ दिया था, लेकिन आज फिर वही पुराने चेहरे उभर रहे हैं।
इनके अलावा कोंग्रेस के वयोवृद्ध नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा, उनके पुत्र और पूर्व केंद्रीय मंत्री शेल्जा कुमारी भी प्रदेश राजनीति में सक्रिय हैं, जबकि उभरते हुए नेता रणजीत सुरजेवाला के मित्र उन्हें आनेवाला मुख्यमंत्री मानते हैं, उन्होंने पिछले 5 राज्यों के चुनावों में तेलगाना, कर्नाटक में नॉन- भाजपा सरकार बनाने में भूमिका निभाई और अपना सिक्का जमाया। लेकिन हुडा और शेल्जा कुमारी अपना दावा आसानी से नहीं छोड़ने वाले। टिकट बांट और अपने सहयोगियों को जिताना इस समय उनकी कूटनीति का इम्तिहान होगा।
उत्तर भारत में तेजी से उभरती हुई आम आदमी पार्टी, जो दिल्ली और पंजाब की राजनीति में कांग्रेस का वोट बैंक छीन कर हरियाणा में भी सरकार बनाने के सपने देख रही है। दिल्ली में आप की अरविंद केजरीवाल सरकार 3 बार धमाकेदार जीत के बाद भ्रष्ट्राचार से जूझ रही है, परंतु अपने वोट बैंक का विश्वास लगभग संजोए बैठी है, और भाजपा -कांग्रेस को टक्कर दे रही है। हालांकि कांग्रेस से गठबंधन की दुविधा में समय बर्बाद कर रही है।
यदि आम आदमी पार्टी अपने पत्ते ठीक तरह खेले तो बहुत बड़ा उलट- फेर कर सकती है। हालांकी आप पार्टी के पास प्रदेश में कोई बड़ा नेता नहीं है, लेकिन दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में रह कर भी पॉलिटिक्स में सक्रिय है, उसकी पत्नी सुनीता, संजय सिंह, राज्य सभा सदस्य सुशील गुप्ता और पूर्व पत्रकार (आजतक, ज़ी मीडिया) एवम् पार्टी उप-प्रधानअनुराग ढांडा प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। कांग्रेस के इनकार के बाद सूचना के अनुसार अब आप पार्टी सभी 90 सीटें लड़ने की तैयारी में है।
हरियाणा में मुख्यत: तिकोणा मुक़ाबला होने वाला है। इसके अलावा जे.जे.पी, के दुष्यंत चौटाला भी अपने 2 दर्जन प्रत्याशी खड़े करने वाले हैं। यों चौटाला परिवार के 4 से 6 अपने प्रत्याशी हैं, जो किसी का भी खेल बिगाड़ सकते हैं। उधर भारतीय कुश्ती संघ से नाराज़ हरियाणा के कुछ पहलवानों के चुनाव मैदान में उतरने से टक्कर रोचक हो गई है, इससे कांग्रेस को कितना लाभ मिलता है, कहना मुश्किल है।
इस छोटे से प्रदेश में इतने राजनीतिक दलों और खिलाड़ियों के कारण चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी करना किसी के भी बस का नहीं।
…. कोई भी पार्टी अपनी स्थिर सरकार बना पाएगी या जोड़- तोड़ के पुराने ‘आया राम, गया राम’ के फार्मूले को दोहराएगी।
8 अक्टूबर की शाम, ‘ देखेंगे अगले एपिसोड में हम लोगां’. (प्रसिद्ध सीरियल ‘हम लोग’ से साभार)😂 –एडिटर -सुभाष वात्सायन.
Discover more from News On Radar India
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Comments are closed.