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मोहाली का पहला आजीविका सरस मेला 18 से 27 अक्टूबर तक सेक्टर 88 में -आशिका जैन

देशभर से 600 से ज्यादा शिल्पकार और कारीगर 300 से ज्यादा स्टॉल लगाएंगे; कलाकृतियाँ, लोक कलाएँ, क्षेत्रीय व्यंजन और अन्य वस्तुएँ आकर्षण का केंद्र होंगी

साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर : साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर प्रशासन देश में बेहद लोकप्रिय ‘आजीविका सरस मेले’ की पहली बार मोहाली में मेजबानी करेगा। उपायुक्त आशिका जैन ने कहा कि मेला 18 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक सेक्टर 88 स्थित खुले मैदान (मानव मंगल स्मार्ट स्कूल) के पीछे आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न राज्यों के 600 से अधिक कलाकार, कारीगर, व्यापारी और कुशल लोग भाग लेंगे। जबकि हर दिन हजारों लोग खरीदारी और मनोरंजन का आनंद लेंगे। सरस मेले के दौरान देशभर से 600 से अधिक शिल्पकार और कारीगर 300 से अधिक स्टॉल लगाएंगे।
आज मेला मैदान में जिले में पहली बार आयोजित होने जा रहे सरस मेले के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उपायुक्त साहिबजादा अजीत सिंह नगर आशिका जैन ने बताया कि देखने आने वाले लोगों की संख्या को और अधिक बढ़ाने के उद्देश्य से और कलाकारों की कलाकृतियों को खरीदने के लिए जिला प्रशासन ने आजीविका सरस मेले की हर शाम प्रसिद्ध पंजाबी गायकों द्वारा कार्यक्रम और कॉमेडी शो आयोजित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 2006 में जिला बनने के बाद से यह मेला जिला वासियों के लिए पहली बार आयोजित किया जा रहा है और यह भी पहली बार होगा कि इतनी बड़ी संख्या में मशहूर गायक सरस मेला मंच पर नजर आयेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि सरस मेले के उद्घाटन दिवस, 18 अक्टूबर की शाम को पंजाबी गायक रंजीत बावा, 19 अक्टूबर को शिवजोत, 20 अक्टूबर को फैशन शो,पंजाबी गायिका परी पंधेर, बसंत कुर, सविताज बराड़, 21 अक्टूबर को जसप्रीत सिंह और आशीष सोलंकी कॉमेडी शो में शामिल होंगे। 22 अक्टूबर को लखविंदर वडाली, 23 अक्टूबर को भांगड़ा और गिद्दा (यूनिवर्सिटी टीमों द्वारा), 24 को पंजाबी गायक जोबन संधू, 25 अक्टूबर को विभिन्न कलाकार, 26 अक्टूबर को कुलविंदर बिल्ला और मेले की आखिरी रात 27 अक्टूबर को ग्गिप्पी ग्रेवाल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
डीसी जैन ने बताया कि सरस मेले में स्कूल यूनिफॉर्म पहनने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रवेश मिलेगा, जबकि आम जनता के लिए 20 रुपये का प्रवेश टिकट रखा गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सरस मेले के दौरान लोगों को पंजाब की संस्कृति के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के रहन-सहन, पहनावे और खान-पान के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि इस मेले के दौरान कारीगरों द्वारा बनाये गये हस्तशिल्प उत्पाद जिनमें खिलौने, कपड़े, सजावटी सामान, फर्नीचर आदि भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मेले में पारंपरिक मेलों की तरह लोगों के मनोरंजन के साधन के तौर पर विभिन्न प्रकार के झूले लगाये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि मेले की एक अनूठी विशेषता के रूप में, उत्तरी क्षेत्र सांस्कृतिक जोन के कलाकार विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों के साथ मेले का मनोरंजन करेंगे, जिनमें असम के पीहू, राजस्थान के कालबेलिया, यूपी के बरसाना की होली और मयूर नृत्य, हरियाणा, पंजाब के विभिन्न नृत्य शामिल हैं।
इसके अलावा मेले में प्रतिदिन बीन जोगी, नचार, नगाड़ा, कठपुतली नाच, बाजीगर, कच्ची घोड़ी आदि लोक कलाकार लोगों का मनोरंजन करेंगे।
मेले के दौरान सामाजिक मुद्दों एवं अन्यायों के प्रति जनजागरूकता के तहत प्रतिदिन थीम आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे तथा स्कूल-कॉलेजों के उभरते कलाकारों को भी मौका दिया जायेगा।
इससे पहले प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने निर्देश दिया कि समय रहते सरस मेला की सभी तैयारियां पूरी कर ली जाये। उन्होंने कहा कि तैयारी के दौरान सुरक्षा एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा पंडाल की तैयारी के दौरान सभी आवश्यक पहलुओं पर पैनी नजर रखी जाये।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) विराज एस तिड़के, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) सोनम चौधरी, एसडीएम मोहाली दमदानीप कौर, एसडीएम खरड़ गुरमंदर सिंह,  मुख्य अभियंता नगर निगम मोहाली नरेश बत्ता और विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित थे।

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