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ATMS लागू होने के बाद बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं में आई कमी, 2023 में 188 मौतें हुई थीं

नई दिल्ली : बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) के लागू होने के बाद से दुर्घटनाओं और सड़क हादसों में मृत्यु दर में काफी कमी आई है। सितंबर 2024 से अब तक इस एक्सप्रेसवे पर किसी दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि एटीएमएस के प्रभावी क्रियान्वयन के बाद सड़क पर दुर्घटनाओं और ट्रैफिक उल्लंघनों में कमी आई है, और घटना प्रतिक्रिया समय भी तेज हुआ है।

2023 में बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर कुल 188 मौतें हुईं, जिनमें मई और जून में सबसे ज्यादा मौतें (29 और 27) दर्ज की गईं। इस सिस्टम की शुरुआत जुलाई 2024 में हुई थी, और इसके बाद से दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई। जुलाई में छह मौतें हुईं, जो अगस्त में घटकर दो हो गईं, और फिर सितंबर से अब तक कोई भी दुर्घटना में जान नहीं गई।

गडकरी ने कहा कि एटीएमएस का उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना है। यह सिस्टम भारत के कई प्रमुख एक्सप्रेसवे और हाईवे पर लागू किया जा रहा है, जिसमें दिल्ली-आगरा ई-वे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, और उत्तर प्रदेश में लखनऊ रिंग रोड शामिल हैं।

एटीएमएस का इस्तेमाल सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने और ट्रैफिक की निगरानी में सुधार के लिए किया जा रहा है, और इसे अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी लागू करने की योजना है।

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