अमृतसर : भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा में हुई चूक का मुद्दा ब्रिटिश संसद में गूंज उठा है। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि भारतीय विदेश मंत्री पर हमला अंतरराष्ट्रीय जिनेवा कन्वेंशन का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए ब्रिटिश सरकार से सवाल किया कि आखिरकार विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई। इस घटना के बाद भारत ने भी कड़ी आपत्ति जताई है और ब्रिटेन से अपनी जमीन पर ऐसे उग्रवादी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने एस. जयशंकर को घेरने की कोशिश की, जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया। प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे लगाए और उनके काफिले को रोकने का प्रयास किया। ब्रिटिश पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बाद जयशंकर को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन इस घटना ने ब्रिटेन में भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत सरकार ने इस मुद्दे को राजनयिक स्तर पर उठाया है और ब्रिटेन से सुरक्षा कड़ी करने की मांग की है।
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद में कहा कि यह घटना केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हमला था, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है। उन्होंने ब्रिटेन सरकार से आग्रह किया कि ऐसे कट्टरपंथी तत्वों को पनाह देना न केवल ब्रिटेन की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। दूसरी ओर, भारत ने इस मामले को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों से कड़ा विरोध दर्ज कराया है और स्पष्ट किया है कि वह अपने राजनयिकों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस घटना के बाद लंदन में भारतीय समुदाय में भी आक्रोश देखने को मिला और कई संगठनों ने ब्रिटिश सरकार से प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं हुईं तो भारत अपनी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
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