‘संविधान निर्माण में ब्राह्मणों का अहम योगदान’, जस्टिस दीक्षित का बयान
कर्नाटक हाईकोर्ट के जज कृष्ण एस दीक्षित ने संविधान निर्माण में ब्राह्मणों की भूमिका को किया रेखांकित,,,,
कर्नाटक हाईकोर्ट के जज कृष्ण एस दीक्षित ने संविधान निर्माण में ब्राह्मणों के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान की मसौदा समिति में सात सदस्य थे, जिनमें से तीन सदस्य ब्राह्मण थे। जस्टिस दीक्षित ने यह बात अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की स्वर्ण जयंती समारोह में कही। उन्होंने डॉ. बीआर आंबेडकर के एक कथन का हवाला देते हुए कहा कि यदि बीएन राव ने संविधान का मसौदा तैयार नहीं किया होता, तो इसे तैयार होने में 25 साल और लग जाते।
जस्टिस दीक्षित ने ब्राह्मण शब्द को जाति से न जोड़कर इसे वर्ण से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वेदों का वर्गीकरण करने वाले वेदव्यास मछुआरे के पुत्र थे, और रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जाति-जनजाति से थे। जस्टिस दीक्षित ने कहा, “क्या हमने कभी उन्हें नीचा देखा है? हम सदियों से भगवान राम की पूजा करते आए हैं, और उनके आदर्शों को संविधान में भी स्थान दिया गया है।”
समुदाय को एकजुट करने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर जस्टिस वी. श्रीशानंद ने भी अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने बताया कि इन आयोजनों का उद्देश्य समुदाय को एकजुट करना और उससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना है।
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