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खनौरी बॉर्डर पर आज भूख हड़ताल करेंगे किसान, जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी

किसानों के हक में संघर्ष, एमएसपी गारंटी कानून की मांग, 11 दिसंबर को अरदास का आयोजन

जींद: हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन अब 14वें दिन में प्रवेश कर चुका है, जहां किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। डल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है, लेकिन उन्होंने साफ किया है कि वह किसानों के हकों के लिए अपनी लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रखेंगे।

अभिमन्यु कोहाड़ के अनुसार:

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल का आमरण अनशन किसानों के हक में गारंटी कानून की मांग को लेकर चल रहा है। सोमवार को उनकी हालत ज्यादा बिगड़ी और वह मंच पर संबोधित नहीं कर सके। डॉक्टरों की टीम ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया, जिसमें बताया गया कि डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर 124/95, शुगर 93 और पल्स 87 है, जबकि उनका वजन 11 किलो घट चुका है, जो चिंता का विषय है।

किसानों का आगामी आंदोलन:

खानौरी बॉर्डर पर मंगलवार को किसान एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और किसी भी किसान को भोजन नहीं दिया जाएगा। यह कदम किसानों के संघर्ष को मजबूत करने और डल्लेवाल की सेहत के लिए उठाया गया है। साथ ही, 11 दिसंबर को देशभर के धार्मिक स्थलों पर किसानों के समर्थन में अरदास और प्रार्थना का आयोजन किया जाएगा।

सांसदों से सवाल:

किसान नेताओं ने बताया कि 12 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल के दौरान देशभर में सांसदों के घरों के बाहर यह सवाल उठाया गया कि सांसदों ने संसद में एमएसपी गारंटी कानून पर क्यों नहीं बोला। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में किसानों को घरों में नजरबंद किया गया ताकि वे सांसदों के घरों के बाहर धरना न दे सकें।

सरवन सिंह पंढेर का बयान:

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब सरकार से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है ताकि किसानों की मांगों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल थे, तो उन्होंने कहा था कि किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़कर पैदल चल कर जाएं, लेकिन वर्तमान में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री किसानों के खिलाफ उल्टी बातें कर रहे हैं।

किसानों की आवाज अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंची:

पंढेर ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय और राज्य मंत्री आपस में भ्रमित हैं। किसानों की आवाज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच रही है, और इसका कारण उनका सशक्त संघर्ष है।

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