सुखबीर बादल पर हमले के समय गुरुद्वारे में ‘सेवा’, जानिए क्यों मिली थी ‘धार्मिक सजा’
अमृतसर में गोली चलने के बाद सुखबीर बादल ने धार्मिक सजा के बारे में दी जानकारी, जानिए पूरी घटना
अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ है। हमले में बादल बाल-बाल बच गए। यह घटना स्वर्ण मंदिर में उस समय हुई जब सुखबीर सेवा की भूमिका निभाने के लिए श्री हरमंदिर साहिब के मेन गेट पर उपस्थित थे। हमलावर ने सुबह करीब नौ बजे गोली चलाई, लेकिन आसपास मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दी गई धार्मिक सजा का पालन करने के लिए स्वर्ण मंदिर में थे। आपको बता दें कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब ने चार प्रमुख पंथक गलतियों के लिए धार्मिक सजा दी थी। इनमें संत गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाना, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, और सिख युवाओं की हत्या करवाने वाले पुलिस अधिकारियों को उच्च पदों पर आसीन करना शामिल हैं। इस सजा के तहत, सुखबीर को सेवादार की पोशाक पहनकर कुछ समय तक गुरुद्वारों में सेवा करने की सजा दी गई थी।
सजा के अनुसार, सुखबीर को गुरुद्वारा मुक्तसर साहिब, फतेहगढ़ साहिब जैसे स्थानों पर कीर्तन सुनने और संगत के बर्तन व जूते साफ करने थे। इसके अलावा, श्री अकाल तख्त ने उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने का आदेश भी दिया था और पार्टी के पुनर्गठन की दिशा में कदम उठाने को कहा था।
हमले के समय सुखबीर अपनी सजा को निभा रहे थे, लेकिन हमलावर द्वारा की गई गोलीबारी के बाद उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
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