पंजाब के पेंशनभोगियों को हाईकोर्ट का झटका 15 साल तक होगी पेंशन कटौती
कम्युटेड पेंशन वसूली पर हाईकोर्ट ने खारिज की 800 याचिकाएं, नियमों के अनुसार ब्याज वसूली को सही ठहराया।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के लगभग 6 लाख पेंशनभोगियों को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने कम्युटेड पेंशन की राशि वसूली को चुनौती देने वाली लगभग 800 याचिकाओं को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पेंशन से राशि वसूली के मामलों में अदालत का हस्तक्षेप उचित नहीं है।
याचिकाओं में पेंशनभोगियों ने आरोप लगाया था कि सरकार कम्युटेड पेंशन पर 8% ब्याज के नियमों का गलत इस्तेमाल करते हुए मनमानी वसूली कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कटौती अधिकतम 11.5 वर्षों में पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन सरकार इसे 15 साल तक बढ़ा रही है।
कम्युटेड पेंशन के तहत सरकारी कर्मचारी अपनी मासिक पेंशन का 40% हिस्सा एकमुश्त प्राप्त कर सकते हैं। इस राशि को लोन माना जाता है और सेवानिवृत्ति के बाद यह राशि मासिक पेंशन से काटी जाती है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार ब्याज की गणना के लिए एक अनुचित फॉर्मूला अपनाती है, जो पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय बोझ बन जाता है।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में असफल रहे कि उनके साथ अन्याय हुआ है। अदालत ने टिप्पणी की कि सरकार द्वारा लागू किए गए फॉर्मूले और नियमों के अनुसार वसूली सही है।
इस फैसले के बाद, पेंशनभोगियों को 15 वर्षों तक कम्युटेड पेंशन की कटौती का सामना करना पड़ेगा।
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