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टोटल लॉस दावा खारिज करने पर बीमा कंपनी को बड़ा झटका, उपभोक्ता को 22 लाख रुपये ब्याज समेत देने का आदेश

चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रथा के लिए दोषी ठहराया

चंडीगढ़। टोटल लॉस के दावे को खारिज करने और उपभोक्ता को अनुचित मुकदमेबाजी में उलझाने पर न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को भारी जुर्माना भरना पड़ा। चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि वह उपभोक्ता रेणु बाला को उनकी वाहन की आईडीवी (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) के अनुसार 22 लाख रुपये, 9% वार्षिक ब्याज के साथ चुकाए। साथ ही, मानसिक तनाव के लिए 1 लाख रुपये और 33 हजार रुपये कोर्ट खर्च के तौर पर देने का भी निर्देश दिया।

क्या है मामला?

  • शिकायतकर्ता रेणु बाला, सेक्टर-20 चंडीगढ़ निवासी, ने 14 जुलाई 2023 से 10 अप्रैल 2024 तक अपने वाहन का बीमा न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी से कराया था। बीमा पॉलिसी के अनुसार वाहन की आईडीवी 22 लाख रुपये थी।
  • 1 अगस्त 2023 को एक दुर्घटना में वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन को टोटल लॉस घोषित करने का दावा किया गया क्योंकि मरम्मत की लागत 35 लाख रुपये थी, जो आईडीवी से काफी अधिक थी।
  • बीमा कंपनी ने पहले 16.50 लाख रुपये में समझौता करने का प्रस्ताव रखा और बाद में 25 अप्रैल 2024 को दावा खारिज कर दिया।

आयोग का फैसला:

शिकायतकर्ता की दलीलों और सबूतों को सुनने के बाद आयोग ने पाया कि:

  1. बीमा कंपनी का दावा खारिज करना अनुचित व्यापार प्रथा का हिस्सा था।
  2. बीमाधारक को उसकी पूरी आईडीवी राशि मिलनी चाहिए थी।
  3. कंपनी का व्यवहार उपभोक्ता को मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान पहुंचाने वाला था।

बीमा कंपनी पर जुर्माना:

  • 22 लाख रुपये: वाहन की आईडीवी राशि, 9% वार्षिक ब्याज सहित।
  • 1 लाख रुपये: मानसिक तनाव के लिए।
  • 33 हजार रुपये: कानूनी खर्च के लिए।

क्या है सबक?

यह मामला बीमा कंपनियों के लिए एक सबक है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों से वंचित करना न केवल अनुचित है बल्कि महंगा भी पड़ सकता है।

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