क्या पता बदल जाए नजरिया’, कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ठोका दावा
क्या पता बदल जाए नजरिया', कुमारी सैलजा ने CM पद के लिए किया बड़ा इशारा
हरियाणा : कुमारी सैलजा के हालिया बयान ने हरियाणा चुनाव 2024 में दलित मुख्यमंत्री की संभावना को लेकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि समय के साथ पार्टी के नजरिए बदल सकते हैं और कांग्रेस हाईकमान इस पर अंतिम निर्णय लेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि टिकटों का आवंटन और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन के समय तक कोई भी इस पद की दावेदारी कर सकता है।
यह बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि हरियाणा में दलित समुदाय का एक बड़ा वोट बैंक है, और इस समुदाय से मुख्यमंत्री बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। सैलजा का यह बयान कांग्रेस की बदलती रणनीति और दलित मतदाताओं को लुभाने की दिशा में एक संकेत माना जा सकता है। हालांकि, सैलजा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस में ऐसे बड़े फैसले हाईकमान के स्तर पर होते हैं, जिससे यह भी पता चलता है कि अंतिम निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा।
हरियाणा चुनाव 2024 के करीब आते ही दलित समुदाय का समर्थन प्राप्त करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को मजबूत कर रहे हैं। कांग्रेस के इस बयान से यह संभावना और प्रबल होती दिख रही है कि पार्टी चुनाव के दौरान दलित समुदाय को ध्यान में रखते हुए कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।
कुमारी सैलजा के इस बयान ने हरियाणा में कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही आंतरिक खींचतान को एक नई दिशा दी है। उन्होंने यह संकेत दिया है कि समय के साथ पार्टी का नजरिया बदल सकता है और यह मुमकिन है कि कांग्रेस किसी दलित को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दे। सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए केवल एक व्यक्ति का चयन होगा और विधानसभा सीट से भी सिर्फ एक ही दावेदार को टिकट मिलेगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नेताओं के बीच दावेदारी की चर्चाएं हो रही हैं। सैलजा के इस बयान को दलित समुदाय के मतदाताओं को लुभाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है, खासकर जब राज्य में दलित वोट बैंक का राजनीतिक महत्व काफी बढ़ गया है। हालांकि, सैलजा ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री के चयन का निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस हाईकमान की भूमिका निर्णायक रहेगी।
यह बयान हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की बदलती रणनीति को दर्शाता है, जिसमें पार्टी संभवतः दलित नेतृत्व को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए।
कुमारी सैलजा का यह बयान हरियाणा में कांग्रेस के भीतर चल रही मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ही अंतिम फैसले करता है, लेकिन अगर कोई नेता मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखना एक स्वाभाविक राजनीतिक आकांक्षा है और इसमें कोई बुराई नहीं है।
इस तरह का बयान कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र और पार्टी के भीतर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है। सैलजा के इस दृष्टिकोण से यह भी साफ होता है कि पार्टी के भीतर नेताओं की व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता, लेकिन अंततः पार्टी नेतृत्व ही अंतिम निर्णय करेगा। उनके इस बयान से हरियाणा में आगामी चुनावों के दौरान कांग्रेस की आंतरिक स्थिति और नेतृत्व को लेकर जारी चर्चाओं को बल मिल सकता है।
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