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पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस और जनता के बीच की खाई भरने की पहल शुरु की

पंजाब पुलिस लूट-पाट और नशा बेचने वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाएगी: फेज-11 पुलिस स्टेशन और सांझ केंद्र का भी दौरा किया

चंडीगढ़/एसएएस नगर: ‘सेफ नेबरहुड ‘ अभियान के हिस्से तौर पर पुलिस और जनता में दूरी को कम करने के उद्देश्य से, पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने आज एक व्यापक सार्वजनिक आउटरीच पहल शुरू की। इस कदम का उद्देश्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करना, पुलिस की कार्यगुजारी के बारे में फीडबैक लेना, जनता की शिकायतों को सुनना, सहयोग और विश्वास की भावना पैदा करना है।
इस पहल के तहत पहली बैठक फेज 11, मोहाली में हुई, जिसमें डीजीपी के साथ रोपड़ रेंज के डीजीपी नीलांबरी जगदले और एसएसपी एसएएस नगर दीपक पारीक ने भाग लिया। उन्होंने विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधियों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी।
बैठक के दौरान, क्षेत्र के निवासियों ने मोहाली में पुलिस कर्मियों की कमी, स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ) के साथ समन्वय की कमी, ट्रैफिक जाम, सीसीटीवी कैमरों की कमी, किरायेदारों की जांच, छोटे अपराधों में वृद्धि, शहर की सीमा के भीतर बड़े वाहनों और वेंडरों के अवैध कब्जे सहित कई गंभीर मुद्दों पर चिंता व्यक्त की।
डीजीपी गौरव यादव ने निवासियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याएं जायज है और, जो पंजाब पुलिस की लोक-पक्षीय पुलिसिंग के प्रति वचनद्धता को दर्शाते इन समस्याओं का तुरंत हल किया जाएगा
उन्होंने मौके पर इन मुद्दों को हल करने के लिए रूट/वीआईपी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती, अपराध हॉटस्पॉट के अस्थायी और स्थानिक विश्लेषण के आधार पर पुलिस की उपस्थिति में बढ़ोतरी, मौके पर इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए चौकीदारों और सुरक्षा गार्डों के तालमेल से बीट प्रणाली को पुर्नजीवित करने का भरोसा देता है। उन्होंने मोहाली में पुलिस कर्मियों की तैनाती भी 200 कर्मियों तक बढ़ा दी।
ट्रैफिक संबंधी समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए, डीजीपी ने एसएसपी को इस संबंध में एक ट्रैफिक इंजीनियरिंग सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, जिससे बाधाओं की पहचान करने और यातायात को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने एसएसपी को जिले में अपराध हॉटस्पॉट और नशे की बिक्री के प्वाईटों की पहचान करने के लिए क्राइम मैपिंग करने का भी निर्देश दिया।
इसके अलावा, पंजाब पुलिस द्वारा राज्य भर में डकैती और नशीली दवाओं की बिक्री के हॉटस्पॉट पर बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही, वास्तविक समय पर निगरानी, तुरंत कार्रवाई और अपराधों की रोकथाम के लिए जिला और उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे है।
उन्होंने एसएसपी को सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेज गति और नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। पारदर्शिता पर जोर देते हुए, डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस कर्मियों के शरीर पर लगाए जाने वाले कैमरों के महत्व पर भी जोर दिया।
डीजीपी गौरव यादव ने पंजाब पुलिस द्वारा लोकपक्षीय पुलिसिंग के माध्यम से एक माह के भीतर सार्थक परिणाम देने की वचनबद्धता व्यक्त की। उन्होंने एसएसपी दीपक पारीक को एक महीने के बाद आरडब्ल्यूए के साथ एक फालो अप बैठक बुलाकर प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे आज से अपने फीडबैक पर काम करना शुरू कर रहे है और महज एक महीने में नतीजे आपके सामने होंगे।
इस बीच, एसएसपी दीपक पारीक को किराएदारों का वैरीफीकेशन सुनिश्चित करने और स्थानीय निकायों के साथ सांझा तौर पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के लिए भी कहा गया।

बॉक्स: बाद में, डीजीपी पंजाब ने मोहाली में पुलिस स्टेशन फेज-11 और सांझ केंद्र का दौरा किया।
आरडब्ल्यूए के साथ बैठक के बाद, डीजीपी गौरव यादव ने मोहाली में पुलिस स्टेशन फेज 11 का औचक दौरा किया और थाने के बुनियादी ढांचे का गहन निरीक्षण किया, जिसमें एसएचओ का कमरा, मुंशी का कमरा, मालखाना, लोगों के लिए वेटिंग रूम, आईओ के कमरे, एनजीओज के लिए डाइनिंग/रसोईघर शामिल है।
उन्होंने पुलिस कर्मियों और जनता से भी बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी और उनकी चिंताओं को दूर करने और पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने के लिए अपनी वचनबद्धता व्यक्त की।
डीजीपी ने सांझ केंद्र का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने दौरान महिला मित्रों से बातचीत की, जिससे जनोन्मुखी दृष्टिकोण और समर्थन के प्रति पुलिस विभाग की वचनबद्धता मजबूत हुई |

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