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पंजाब की पहली कृषि नीति का ड्राफ्ट जारी: 15 डार्क ज़ोन में धान की खेती पर प्रतिबंध की सिफारिश

15 डार्क ज़ोन में धान की खेती पर प्रतिबंध का प्रस्ताव

चंडीगढ़ : पंजाब राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष और कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुखपाल सिंह ने जल संकट से जूझ रहे 15 डार्क जोन में धान की बुआई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इन क्षेत्रों में भू-जलस्तर 400-500 फीट तक गिर चुका है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान और जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने किसानों को धान के बजाय अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती पर जोर दिया है।
पंजाब सरकार ने अपनी पहली कृषि नीति-2023 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है और किसान जत्थेबंदियों से सुझाव मांगे गए हैं। इसमें खेती में सुधार और जल संकट से निपटने के लिए कई सिफारिशें की गई हैं।

ड्राफ्ट में कृषि क्षेत्र में बिजली सब्सिडी को नियंत्रित करने पर भी जोर दिया गया है। प्रदेश में 14 लाख कृषि पंपसेट्स को मिलने वाली 10,000 करोड़ रुपये की सालाना बिजली सब्सिडी को खत्म करने की सिफारिश की गई है। साथ ही पंचायती जमीन पर धान की खेती न करने और वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
नीति के तहत राज्य सरकार को केंद्र से संपर्क कर किसानों के लिए एमएसपी और उचित मूल्य दिलाने के प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा, एमएसपी और वास्तविक मूल्य के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का विशेष कोष बनाने का सुझाव दिया गया है।

जीरकपुर और मोहाली: मार्केट हब के रूप में विकसित होंगे
चंडीगढ़-जयपुर कॉरिडोर को कांडला बंदरगाह से जोड़ने के उद्देश्य से जीरकपुर और मोहाली को पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, और हरियाणा जैसे राज्यों के फलों और सब्जियों के विपणन हब के रूप में विकसित करने की योजना है।

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