चार प्रमुख खिलाड़ी मैदान में, सियासी दंगल की तैयारियां शुरू
हरियाणा विधानसभा चुनाव: चार प्रमुख दलों की तैयारी, सियासी दंगल शुरू
हरियाणा विधानसभा चुनाव: चार खिलाड़ी सियासी दंगल में उतरे, जुलाना सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की टक्कर
हरियाणा विधानसभा चुनाव में चार प्रमुख खिलाड़ियों ने सियासी मैदान में कदम रखा है। जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल से पहले वजन ज्यादा होने के कारण बाहर हुईं अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, इसी सीट पर आम आदमी पार्टी ने भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल को उम्मीदवार बनाया है। इन दोनों पहलवानों के बीच मुकाबले ने इस सीट को प्रदेश की चर्चित सीट बना दिया है।
भाजपा ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा को महम विधानसभा सीट से और अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीट शूटर आरती राव को अटेली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं, हालांकि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। ये चारों पहली बार सियासत के मैदान में उतरे हैं। दीपक हुड्डा और विनेश फोगाट कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों में सबसे युवा हैं।
खेल में सफलता का परचम
विनेश फोगाट: पेरिस ओलंपिक के फाइनल तक पहुंचने वाली देश की पहली महिला पहलवान, वजन अधिक होने के कारण फाइनल से बाहर हो गईं।
कविता दलाल: भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर, सलवार सूट पहनकर रिंग में उतरने के लिए प्रसिद्ध।
दीपक हुड्डा: भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान, 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा।
आरती राव: अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीट शूटर, चार एशियाई चैंपियनशिप पदक विजेता, हरियाणा पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष।
सियासी सफर की चुनौतियां
हरियाणा में खिलाड़ियों का राजनीतिक सफर चुनौतीपूर्ण रहा है। 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट, पहलवान योगेश्वर दत्त, और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को मैदान में उतारा था। इनमें से संदीप सिंह ने पिहोवा सीट से जीत दर्ज की, जबकि बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त हार गए। संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप के कारण भाजपा ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे।
राजनीतिक करियर की झलक
कृष्णमूर्ति हुड्डा: पूर्व क्रिकेटर और विधायक, कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद साइड लाइन हो गए हैं। वर्तमान में भाजपा के साथ।
बीरेंद्र सिंह: 1970 में राजनीति में आए, उचाना सीट से पांच बार जीत हासिल की, तीन बार हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रहे।
रणबीर महेंद्रा: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, एक बार विधायक बने, 2009, 2014, और 2019 का चुनाव हार गए।
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