गूगल के खिलाफ एक और मुकदमा: विज्ञापन तकनीक पर एकाधिकार का आरोप, कंपनी को बेचना पड़ सकता है कुछ हिस्सा
गूगल के एकाधिकार को लेकर एक नया मुकदमा वर्जीनिया के एलेक्जेंड्रिया में सोमवार को शुरू हुआ। यह मामला गूगल की ऑनलाइन विज्ञापन तकनीक पर एकाधिकार रखने के आरोपों से जुड़ा है। शुरुआत में यह एक ज्यूरी ट्रायल होना था, लेकिन गूगल ने एक बेंच ट्रायल के लिए जोर दिया। इसके लिए, गूगल ने सरकार द्वारा लाए गए एकमात्र दावे को खारिज करने के लिए संघीय सरकार को 20 लाख डॉलर से अधिक का चेक भी लिखा, जिसके लिए ज्यूरी की आवश्यकता थी।
गूगल के सर्च इंजन को हाल ही में एक न्यायाधीश द्वारा अवैध एकाधिकार वाला करार दिए जाने के लगभग एक महीने बाद, कंपनी को अब उसकी विज्ञापन तकनीक से संबंधित एक और मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। न्याय मंत्रालय और कुछ राज्यों का तर्क है कि गूगल ने ऑनलाइन विज्ञापनदाताओं और प्रकाशकों को मिलाने वाली तकनीक पर एकाधिकार स्थापित किया है और इसे बनाए रखा है।
सरकार का दावा है कि गूगल द्वारा लेनदेन के दोनों पक्षों (खरीद और बिक्री) पर सॉफ्टवेयर के प्रभुत्व के कारण उसे विज्ञापनदाताओं और प्रकाशकों के बीच होने वाले लेनदेन पर दलाली के रूप में प्रति डॉलर 36 सेंट तक कमाने का अवसर मिलता है। वहीं, गूगल का तर्क है कि सरकार का मामला पुराने समय के इंटरनेट पर आधारित है, जब डेस्कटॉप कंप्यूटर का बोलबाला था। गूगल का कहना है कि आज के दौर में, विज्ञापनदाताओं के पास टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया कंपनियों या पीकॉक जैसी स्ट्रीमिंग टीवी सेवाओं के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचने के अधिक विकल्प हैं।
आय में गिरावट का असर
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में गूगल की “नेटवर्क” आय में गिरावट देखी गई है, जो 2021 में 31.7 अरब डॉलर से घटकर 2023 में 31.3 अरब डॉलर रह गई है। गूगल के ‘नेटवर्क’ में ‘एडसेंस’ और ‘गूगल ऐड मैनेजर’ जैसी सेवाएं शामिल हैं, जो इस मामले के केंद्र में हैं।
ज्यूरी की जगह बेंच ट्रायल
वर्जीनिया के एलेक्जेंड्रिया में शुरू हुए इस मुकदमे में पहले ज्यूरी ट्रायल की योजना थी, लेकिन गूगल ने एक बेंच ट्रायल के लिए जोर दिया। मामले का फैसला जिला जज लियोनी ब्रिनकेमा करेंगी, जो पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा नियुक्त की गई थीं और 9/11 जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों की सुनवाई के लिए जानी जाती हैं।
*तकनीकी व्यवसाय के कुछ हिस्से बेचने पड़ सकते हैं*
वर्जीनिया का यह मामला गूगल के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उसके सर्च इंजन से जुड़ी बड़ी कानूनी हार के बाद। यह कंपनी के 307 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है। बैबसन कॉलेज के प्रबंधन अभ्यास के प्रोफेसर पीटर कोहन के अनुसार, वर्जीनिया का यह मामला गूगल के लिए और भी हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसे अपनी विज्ञापन तकनीक से जुड़े कुछ हिस्से बेचने पड़ सकते हैं, जो उसके वार्षिक राजस्व में अरबों डॉलर का योगदान करते हैं।
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