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अमृतसर: अकाली नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप पर रोक, अकाल तख्त के जत्थेदार ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

श्री अकाल तख्त साहिब की चेतावनी: अकाली नेताओं को आरोप-प्रत्यारोप से रोकने के आदेश, आदेशों का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
श्री अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि अकाली दल के विभिन्न गुटों के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी पर सख्त रुख अपनाया है। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिअद नेताओं को मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने से सख्त मना किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक शिरोमणि अकाली दल का मामला श्री अकाल तख्त पर विचाराधीन है, तब तक किसी भी प्रकार की सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। इसे श्री अकाल तख्त के आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा, और उल्लंघन की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले, 30 अगस्त को सुखबीर बादल को श्री अकाल तख्त साहिब से तनखाइया घोषित किया गया था, जिसके बाद शिअद के गुटों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया था। इन विवादों में प्रमुख रूप से सुखबीर बादल को पार्टी प्रधानगी से हटाने की मांग की जा रही थी।
जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख सियासत से जुड़े नेताओं को श्री अकाल तख्त की सर्वोच्चता, सम्मान, मर्यादा और सिद्धांतों का पालन करने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि यदि बयानबाजी नहीं रुकी तो इसे सिख सिद्धांतों और परंपराओं का उल्लंघन मानकर कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, 30 अगस्त को जत्थेदार ने अकाली दल की सरकार के दौरान मंत्री रहे नेताओं को 15 दिन के भीतर श्री अकाल तख्त साहिब पर व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर अपने स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे। इनमें परमिंदर सिंह ढींडसा, बीबी जागीर कौर, और मनप्रीत बादल सहित अन्य 17 पूर्व मंत्री शामिल हैं। इनमें से चार नेताओं ने पहले ही 31 अगस्त को अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर दिया है। अब बाकी बचे नेताओं को जल्द ही अपना स्पष्टीकरण देना होगा।
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