दिल्ली शराब घोटाला: अरविंद केजरीवाल के करीबी को 23 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 23 महीने बाद अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर को जमानत दे दी है। नायर, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के एक प्रमुख सदस्य हैं, पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
शराब घोटाले की जड़ें दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में हैं, जिसे कथित रूप से भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि इस नीति के माध्यम से विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों से मोटी रिश्वत ली गई। मामले की जांच के दौरान, नायर को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
विजय नायर को अब तक कई बार जमानत देने से इनकार किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी खराब स्वास्थ्य स्थिति और लंबे समय से जेल में रहने को देखते हुए उन्हें राहत दी। अदालत ने नायर को जमानत देते हुए उन्हें कड़ी शर्तों के साथ रिहा किया है, जिसमें यात्रा प्रतिबंध और नियमित रूप से अदालत में उपस्थिति शामिल है।
इस मामले में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य सदस्य भी आरोपों के घेरे में हैं। CBI और ED की ओर से कहा गया है कि नायर और अन्य आरोपियों ने शराब नीति के माध्यम से भारी धनराशि का गबन किया। हालांकि, AAP ने इन आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है और आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जानबूझकर उनके नेताओं को फंसाने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने नायर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब, सुप्रीम कोर्ट ने नायर को जमानत देकर इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ दिया है।
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