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आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शिलॉन्ग में एनईआईएएच की क्षमता बढ़ाने के लिए की पहल

चंडीगढ़: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शहर के मावडियांग डियांग स्थित नॉर्थ ईस्टर्न इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड होम्योपैथी (एनईआईएएच) परिसर की क्षमता विस्‍तार के लिए आज कई परियोजनाएं शुरू कीं। आयुष मंत्री ने इस मौके पर परिसर में गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया, वहीं प्रशासनिक भवन, फार्मेसी भवन के साथ ही प्रवेश और निकास द्वार सहित पेरिफरी रोड की चारदीवारी और बाहरी विद्युतीकरण कार्यों की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर विचार व्‍यक्‍त करते हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘‘एनईआईएएच में क्षमता विस्‍तार के साथ, हमारे पास सीखने, सहयोग करने और क्षमता बढ़ाने का अनूठा अवसर है क्योंकि हम वैज्ञानिक साक्ष्य के साथ पारंपरिक चिकित्सा के प्रत्येक फॉर्मूलेशन के लिए प्रमाणिकता स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। संस्थान पहले ही आयुर्वेद और होम्योपैथी में लगभग एक हजार विशेषज्ञों को प्रशिक्षित कर चुका है, जो शानदार अनुभूति का पल है। इससे क्षेत्र में, खास तौर पर मेघालय में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को काफी बढ़ावा मिला है, क्योंकि हम अपने डायनमिक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के ‘स्वस्थ भारत’ दृष्टिकोण को साकार करने के करीब पहुंच रहे हैं। आयुष चिकित्सा प्रणाली के प्रमाणित फॉर्मूलेशन से लैस चिकित्सकों की यह नई फौज लोगों को इस चिकित्‍सा सेवा का लाभ उठाने में मदद करेगी। यह हजारों वर्षों से स्थानीय समाज में प्रचलित हमारे पुराने घरेलू उपचार के समान है, लेकिन अब कई बीमारियों के इलाज के लिए वैज्ञानिक रूप से सिद्ध रोगी देखभाल समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला भी उपलब्ध है। ‘हील इन इंडिया, हील्ड बाय इंडिया’ आयुष के पुनरुत्थान आंदोलन का उद्देश्य है।’’
सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा, ‘‘नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व वाली सरकार का इरादा हमारी जनजातीय उपचार पद्धतियों को उनके ऐतिहासिक समुदायों और सीमाओं से आगे बढ़ने में सक्षम और सशक्त बनाना तथा मानवता को समृद्ध गुणवत्ता वाला जीवन जीने और क्षेत्र के लिए व्यावसायिक अवसर विकसित करने में मदद करना है। बुनियादी ढांचा और अन्य भौतिक संरचना अनुसंधान एवं विकास में बेहतर परिणामों के लिए महत्वपूर्ण हैं और एनईआईएएच में नई क्षमता का विस्तार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के प्रेरक नेतृत्व के तहत् पारंपरिक चिकित्सा के पुनरुत्थान को बढ़ावा देगा। सरकार एनईआईएएच की क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह देश में आयुष के शीर्ष मानव संसाधन संस्थान का उद्गम स्थल बन सके। पिछले एक साल में मोदी सरकार ने एनईआईएएच में क्षमता विस्‍तार के लिए 145 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का निवेश कर चुकी है। एनईआईएएच में क्षमता विस्‍तार के लिए कुल परियोजना परिव्‍यय 217.02 करोड़ रुपये है।’’

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