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जीएमसीएच-32 (मनोचिकित्सा विभाग) द्वारा एक विकलांगता शिविर का आयोजन किया

शिविर का आयोजन चंडीगढ़ के पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसाइटी ग्राम पलसोरा में कल संपन्न हुआ

चंडीगढ़: जीएमसीएच-32 के मनोरोग नेत्र, ईएनटी और हड्डी रोग विभाग के विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों की  कल जांच की। इस विकलांगता शिविर का मुख्य उद्देश्य सभी सेवाओं को एक छत के नीचे लाना था, यानी विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विकलांगताओं का मूल्यांकन करना, विकलांगता की डिग्री की गणना करना, विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करना और उनको विभिन्न रियायतों का लाभ उठाने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान करना। विकलांगता प्रमाणपत्र प्राप्त करने की लागत के साथ-साथ अस्पताल से प्रमाणपत्र प्राप्त करने में लगने वाला समय भी कम हो गया है। इसलिए, कई रोगियों की विकलांगता का मूल्यांकन विभिन्न विशिष्टताओं के विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
यह शिविर जीएमसीएच के मनोचिकित्सा विभाग की प्रमुख प्रोफेसर प्रीति अरुण और एसआरसी टीम डॉ. करुणा सिंह (प्रभारी) और श्री जसवीर सिंह (चिकित्सा समाज कल्याण अधिकारी) की देखरेख में आयोजित किया गया था। विभिन्न विशेषज्ञताओं के विशेषज्ञों डॉ. इरा (मनोचिकित्सा), डॉ. राजेश्री (नेत्र), डॉ. नीति (ईएनटी), डॉ. सुमुख (ऑर्थो) और अन्य ने पीडब्ल्यूडी का मूल्यांकन किया।
इस शिविर में विभिन्न विकलांगता के कुल 70 मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया, और उनमें से 9 को हड्डी रोग की समस्या थी, 14 को नेत्र (दृष्टि) से संबंधित विकलांगता थी, और 03 को सुनने में कठिनाई थी। इस शिविर में 29 को बौद्धिक विकलांगता मूल्यांकन, 10 को मानसिक विकलांगता का आकलन किया गया। 8 रेलवे रियायत प्रमाण पत्र, 4 पेंशन प्रमाण पत्र, 35 यूडीआईडी ​​कार्ड जीएमसीएच और समाज कल्याण और डीसी कार्यालय चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों द्वारा जारी किए गए।

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