43 साल की शादी के बाद तलाक: करनाल के दंपती का विभाजन
पति ने तीन करोड़ का गुजारा भत्ता देने के लिए कृषि भूमि बेची...
हरियाणा के करनाल से 70 वर्षीय दंपती ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र के हस्तक्षेप से आधिकारिक रूप से अपनी 43 साल पुरानी शादी को खत्म कर लिया। यह दंपती 8 मई, 2006 से अलग रह रहे थे, जब उनके रिश्ते में आपसी मतभेदों के कारण तनाव बढ़ गया था।
इससे पहले, 2013 में करनाल कोर्ट में तलाक के लिए दायर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद, उन्होंने हाईकोर्ट में विवाह विच्छेद के लिए अपील की थी। मध्यस्थता के दौरान, पति ने अपनी पत्नी को 3.07 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने पर सहमति जताई। यह राशि पत्नी को गुजारे भत्ते के रूप में दी जाएगी, और इसके लिए उसने अपनी प्रमुख कृषि भूमि भी बेच दी।
समझौते की डिटेल्स:
समझौते में यह तय हुआ कि पत्नी को 3.07 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता दिया जाएगा। इस समझौते के बाद, पत्नी और उनके बच्चों के पास पति या उसकी संपत्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार का दावा नहीं होगा। पति की मृत्यु के बाद भी, उसकी संपत्ति उत्तराधिकार के अनुसार बच्चों को हस्तांतरित की जाएगी, और पत्नी या बच्चों का उस पर कोई दावा नहीं होगा।
विवाह और अलगाव का टाइमलाइन:
यह दंपती 27 अगस्त, 1980 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह बंधन में बंधे थे और उनके दो बेटियां और एक बेटा है। आपसी मतभेदों के कारण वे लगभग दो दशकों तक अलग-अलग रहे, और आखिरकार हाईकोर्ट के माध्यम से समझौता कर विवाह को समाप्त किया।