News around you
Responsive v

3 नेताओं के 12 वंशज चुनावी मैदान में, विरासत के सहारे तीसरी-चौथी पीढ़ी की दावेदारी

145

हरियाणा विधानसभा चुनाव: तीन राजनीतिक वंशों के 12 वंशज मैदान में, विरासत की लड़ाई
हरियाणा की राजनीति में चौधरी देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल का अहम योगदान रहा है। अब इन तीनों नेताओं की तीसरी और चौथी पीढ़ी उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में इन तीनों परिवारों से कुल 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

1966 में हरियाणा के गठन के बाद से इन तीनों नेताओं का प्रदेश की राजनीति में खासा दबदबा रहा है। चौधरी देवीलाल 1989 में वीपी सिंह की सरकार में उप प्रधानमंत्री बने, जबकि बंसीलाल और भजनलाल ने इंदिरा गांधी की सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री पद संभाले और कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।

अब, देवीलाल के परिवार के सात सदस्य इस बार विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। विशेष रूप से, देवीलाल के तीन पीढ़ियों के सदस्य दो जिलों की चार सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला भाजपा से टिकट न मिलने पर सिरसा जिले की रानियां सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ देवीलाल के पड़पोते अर्जुन चौटाला इनेलो के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। देवीलाल के पौत्र अभय चौटाला सिरसा जिले की एलनाबाद सीट से मैदान में हैं, और जींद की उचाना सीट से जजपा के दुष्यंत चौटाला के खिलाफ भी चर्चा है।

भिवानी जिले की तोशाम सीट पर बंसीलाल के परिवार की राजनीतिक लड़ाई चल रही है। यहां भाजपा ने बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने बड़े बेटे रणबीर महेंद्र के पुत्र अनिरुद्ध चौधरी को मैदान में उतारा है। इस मुकाबले को बंसीलाल की विरासत का उत्तराधिकारी माना जा रहा है।

भजनलाल के परिवार से कुलदीप बिश्नोई और चंद्रमोहन बिश्नोई भाजपा और कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं। आदमपुर से भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है, जबकि चंद्रमोहन पंचकूला से कांग्रेस के टिकट पर दावेदार हैं। भजनलाल के छोटे भाई के बेटे दूड़ाराम भाजपा के टिकट पर फतेहाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

कौन-कौन से वंशज मैदान में:
देवीलाल: रणजीत चौटाला, अर्जुन चौटाला, अभय चौटाला, दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, आदित्य चौटाला, अमित सिहाग
बंसीलाल: श्रुति चौधरी, अनिरुद्ध चौधरी
भजनलाल: भव्य बिश्नोई, चंद्रमोहन बिश्नोई, दूड़ाराम बिश्नोई
इन वंशजों का प्रभाव अब उनके पारंपरिक गढ़ों तक ही सीमित रह गया है, और वे अपने राजनीतिक वजूद को बचाने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।


Discover more from News On Radar India

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

You might also like

Comments are closed.