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ISRO: एलन मस्क की स्पेसएक्स ने लॉन्च किया जीसैट-एन2 उपग्रह, जानिए इसके बारे में सब कुछ

वॉशिंगटन: स्पेसएक्स ने इसरो के जीसैट-एन2 उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। यह उपग्रह भारत में ब्रॉडबैंड सेवाओं में सुधार लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। फ्लोरिडा के कानावेरल स्पेस स्टेशन से फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया यह उपग्रह इसरो और स्पेसएक्स के बीच हुए एक समझौते का हिस्सा है।

जीसैट-एन2 के बारे में
जीसैट-एन2 उपग्रह को भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। यह उपग्रह उन क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जहां पारंपरिक नेटवर्क कमजोर हैं। जीसैट-एन2 का वजन लगभग 4700 किलोग्राम है और इसे 14 साल तक कार्य करने के लिए तैयार किया गया है।

क्यों चुना गया स्पेसएक्स?
जीसैट-एन2 की लॉन्चिंग के लिए इसरो ने स्पेसएक्स की सेवाएं लीं, क्योंकि यह उपग्रह 4700 किलोग्राम वजन का है। भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट एलवीएम-3 केवल 4000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को ही अंतरिक्ष में लॉन्च कर सकता है, जबकि स्पेसएक्स के रॉकेट भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम हैं। इससे पहले, इसरो भारी उपग्रहों के लिए यूरोपीय एजेंसी एरियनस्पेस पर निर्भर था, लेकिन अब एरियनस्पेस की अनुपलब्धता के कारण इसरो ने स्पेसएक्स के साथ यह समझौता किया।

कैसे हुआ लॉन्च?
स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 रॉकेट का इस्तेमाल करते हुए जीसैट-एन2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। लगभग 30 मिनट बाद, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी कि उपग्रह को सफलतापूर्वक पृथ्वी की जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित कर दिया गया है। इसके बाद इसरो की मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया।

उपग्रह का महत्व
जीसैट-एन2 का मुख्य उद्देश्य देश भर में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक नेटवर्किंग सुविधाएं सीमित हैं। यह उपग्रह 14 साल तक कार्य करेगा और इसका डिजाइन हाई-स्पीड इंटरनेट की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किया गया है।

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