Google को क्रोम ब्राउज़र बेचना पड़ सकता है, DOJ ने एकाधिकार के आरोप में उठाया कदम
अमेरिका के न्याय विभाग का गूगल के खिलाफ आक्रामक कदम, तकनीकी प्रतिस्पर्धा पर चिंताएं
गूगल के क्रोम ब्राउज़र को लेकर अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) ने एक बड़ा कदम उठाया है। DOJ ने जज से अपील की है कि गूगल को अपने लोकप्रिय इंटरनेट ब्राउज़र क्रोम को बेचना पड़े। यह कार्रवाई उस फैसले के बाद की जा रही है, जिसमें DOJ ने यह पाया था कि गूगल ने सर्च मार्केट में अवैध रूप से एकाधिकार स्थापित किया है। इस मामले में गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संदर्भ में भी विवाद उठाए गए हैं।
गूगल का दबदबा और एकाधिकार का आरोप
गूगल का क्रोम ब्राउज़र दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र है, जो वैश्विक ब्राउज़र बाजार का लगभग दो-तिहाई हिस्सा नियंत्रित करता है। क्रोम और गूगल के सर्च इंजन के बीच गहरे संबंध हैं, जिसके माध्यम से यूजर्स गूगल सर्च पर री-डायरेक्ट होते हैं। इस प्रक्रिया के जरिए गूगल यूजर्स के डेटा का संग्रह करता है, जिसे वह विज्ञापनों के लक्षित विपणन के लिए उपयोग करता है। यह पूरे इंटरनेट और विज्ञापन उद्योग पर गूगल का बड़ा नियंत्रण पैदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धा में कमी और उपभोक्ताओं के लिए विकल्पों की सीमितता हो सकती है।
DOJ की दलील और गूगल का बचाव
DOJ गूगल के इस एकाधिकार को एंटी-ट्रस्ट (प्रतिस्पर्धा-विरोधी) कानूनों का उल्लंघन मानता है, और इसे उपभोक्ताओं और प्रतिस्पर्धा के लिए नुकसानदायक बताता है। DOJ का कहना है कि गूगल को अपने ब्राउज़र को बेचना चाहिए ताकि सर्च मार्केट और इंटरनेट के अन्य क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके।
वहीं, गूगल ने इस कदम को “कट्टरपंथी एजेंडा” करार दिया है और इसे कानूनी दृष्टिकोण से बाहर जाकर उठाए गए कदम के रूप में देखा है। गूगल की उपाध्यक्ष ली-ऐनी मुलहॉलैंड ने कहा कि इस कदम से उपभोक्ताओं को नुकसान होगा और उनके लिए विकल्पों में कमी आ जाएगी।
बाइडन प्रशासन का आक्रामक कदम
यह मामला बाइडन प्रशासन द्वारा बड़ी तकनीकी कंपनियों के खिलाफ उठाए गए आक्रामक कदमों में से एक बन सकता है। वर्तमान में, गूगल और अन्य तकनीकी दिग्गजों पर अमेरिकी सरकार की नजरें हैं, और यह कदम उनके लिए संभावित बड़े परिवर्तनों का संकेत है।
इस मामले की सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी, और इसके बाद अगस्त 2025 तक कोई अंतिम निर्णय आने की संभावना जताई जा रही है। अभियोजक विभिन्न समाधान पर विचार कर रहे हैं, जिसमें गूगल और एप्पल जैसी कंपनियों के बीच विशेष समझौतों को खत्म करना शामिल हो सकता है, जो गूगल को डिवाइस पर डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाए रखने में मदद करते हैं।
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