पीजीआई का नया शोध: 8 हफ्ते नहीं, अब 8 दिन में पूरी होगी विटामिन डी की कमी
प्राइमरी हाइपरपैराथायरायडिज्म मरीजों के इलाज में नई गाइडलाइन, सर्जरी से पहले विटामिन डी का स्तर संतुलित करना होगा आसान।
चंडीगढ़ स्थित पीजीआई (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) ने प्राइमरी हाइपरपैराथायरायडिज्म के मरीजों के इलाज के लिए बड़ा कदम उठाया है। इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. संजय भडाडा और उनकी टीम ने शोध के जरिए यह साबित किया है कि विटामिन डी की कमी को 8 हफ्ते के बजाय सिर्फ 8 दिनों में पूरा किया जा सकता है।
शोध में 60 मरीजों को दो वर्गों में बांटा गया। पहले वर्ग को 8 हफ्ते तक साप्ताहिक खुराक दी गई और दूसरे वर्ग को 8 दिनों तक रोजाना खुराक दी गई। दोनों वर्गों में परिणाम समान रहे।
प्रमुख तथ्य:
विटामिन डी की 6,000 IU की खुराक अब रोजाना दी जा सकती है।
यह गाइडलाइन विश्व में पहली बार तैयार की गई है।
नई विधि से सर्जरी में देरी को रोका जा सकता है।
बीमारी के कारण और लक्षण:
प्राइमरी हाइपरपैराथायरायडिज्म में थायरॉयड हार्मोन असंतुलन से रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है। इसके कारण हड्डियों की कमजोरी, गुर्दे की पथरी, थकान और उदासी जैसे लक्षण देखे जाते हैं।
इलाज का महत्व:
थायरॉयड संतुलन बनाए रखने के लिए सर्जरी प्रमुख उपचार है। नई गाइडलाइन से मरीजों को तेजी से इलाज उपलब्ध हो सकेगा।
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