हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश: कर्मचारी को पदोन्नति के सभी लाभ देने होंगे
योग्य होने के बावजूद पदोन्नति में देरी, अब कर्मचारियों को मिलेगा पूरा लाभ
हाईकोर्ट का अहम फैसला, योग्य कर्मचारी को मिलेगा पूरा लाभ:
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जिस दिन से कर्मचारी पदोन्नति के योग्य होता है, उसे उसी दिन से सभी लाभ मिलने चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी कर्मचारी को उसके योग्य होने के बावजूद पदोन्नति के लाभ से वंचित किया जाता है, तो यह न केवल गलत है, बल्कि उसे वह लाभ उसी दिन से मिलना चाहिए, जब वह पदोन्नति के योग्य हुआ था।
‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत का पुनः
स्पष्टिकरण: हाईकोर्ट ने कहा कि आमतौर पर ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत का अर्थ होता है कि कर्मचारी को उस काम के लिए भुगतान नहीं मिलता जो उसने नहीं किया। लेकिन, जब नियोक्ता पदोन्नति में देरी करता है, तो यह सिद्धांत लागू नहीं होता है। कोर्ट ने विभागीय देरी को कारण मानते हुए कहा कि कर्मचारी को पदोन्नति के सभी लाभ देने के लिए सरकार बाध्य है।
पदोन्नति में देरी, कर्मचारी को मिलने से रोका गया लाभ:
इस मामले में पंजाब निवासी रमेश कुमार को 30 जून, 2014 से अकाउंटेंट ग्रेड-I के पद पर पूर्वव्यापी पदोन्नति दी गई थी। हालांकि, उसे समय पर पदोन्नति नहीं दी गई, जबकि उसके कनिष्ठों को पदोन्नति मिल गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि विभागीय देरी के कारण कर्मचारी को लाभ से वंचित करना अवैध और अनुचित था। कोर्ट ने यह माना कि कर्मचारियों को उनके हक से वंचित नहीं किया जा सकता, खासकर जब देरी नियोक्ता की लापरवाही के कारण हुई हो।
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