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पराली जलाने से रोकने में ढिलाई बरतने पर सख्त कार्रवाई

17 अधिकारी चार्जशीटेड, 394 को कारण बताओ नोटिस

हरियाणा: हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देशानुसार, फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। राज्य सरकार ने उन अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं जिन्होंने पराली जलाने को रोकने में लापरवाही बरती। इस संबंध में 17 अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है, 394 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और 26 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। सरकार इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे किसानों को पराली जलाने के बजाए वैकल्पिक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

 

कड़े निर्देश और सख्त कार्रवाई:
हरियाणा सरकार ने पराली जलाने को रोकने में लापरवाही बरतने वाले 17 अधिकारियों को चार्जशीट कर दिया है और 394 अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके अतिरिक्त, 26 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, जिला और तहसील स्तर पर भी विशेष टीमें गठित की गई हैं, ताकि समस्या को स्थानीय स्तर पर नियंत्रित किया जा सके।

पंचायतों को दिया जीरो बर्निंग का लक्ष्य:
पराली जलाने की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने पंचायतों को ‘जीरो बर्निंग’ का लक्ष्य दिया है। इसके तहत ग्राम पंचायतों को भी अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पंचायतों को स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने, किसानों को वैकल्पिक तकनीकों के बारे में जानकारी देने और उन पराली प्रबंधन उपायों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जो पर्यावरण के अनुकूल हैं।

किसानों को वैकल्पिक उपायों के लिए सहायता:
सरकार किसानों को पराली जलाने के बजाए फसल अवशेष प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाने के लिए सहायता प्रदान कर रही है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को सब्सिडी पर मशीनरी और उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि पराली जलाने की आवश्यकता को समाप्त किया जा सके। इसके साथ ही, जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को फसल अवशेषों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

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