पंजाब में नैशनल हाईवे रहेंगे बंद, किसानों का बड़ा ऐलान
धान खरीद की समस्या का समाधान न होने पर किसान संगठन करेंगे नैशनल हाईवे जाम
पटियाला: पंजाब में किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज़ हो गया है। किसान मजदूर मोर्चा और एस. के. एम. (नॉन पॉलिटिकल) ने 26 अक्तूबर को माझा. मालवा और दोआबा क्षेत्रों में नैशनल हाईवे बंद करने का ऐलान किया है। यह कदम धान खरीद की समस्या को लेकर उठाया गया है.जो किसानों के लिए लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है।
किसानों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता और धान खरीद की समस्या का समाधान नहीं होता.तब तक नैशनल हाईवे जाम रहेगा। उनका कहना है कि इस बार आंदोलन का स्वरूप बड़ा होगा और व्यापक स्तर पर प्रभाव डालेगा।
धान खरीद की समस्या:
किसानों का मुख्य मुद्दा इस बार धान खरीद में हो रही देरी और उसमें आ रही समस्याओं को लेकर है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से खरीद प्रक्रिया में हो रही ढिलाई किसानों को आर्थिक संकट में डाल रही है। धान की फसल कटाई के बाद तुरंत खरीदी जानी चाहिए लेकिन सरकारी एजेंसियों द्वारा समय पर नहीं खरीदी जा रही, जिससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने में कठिनाई हो रही है।
नैशनल हाईवे बंद:
26 अक्तूबर को किसानों ने माझा, मालवा और दोआबा के नैशनल हाईवे बंद करने का निर्णय लिया है। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से उन रास्तों पर केंद्रित होगा जो इन क्षेत्रों को जोड़ते हैं और जिनसे यातायात प्रभावित हो सकता है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
आंदोलन का असर:
इस आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि नैशनल हाईवे बंद होने से न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि ट्रांसपोर्ट और व्यापार पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार और प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय साबित हो सकता है क्योंकि यह मुद्दा कई जिलों तक फैल सकता है।
किसान संगठनों ने सरकार से स्पष्ट कहा है कि अगर समय रहते धान खरीद की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो उनके पास और भी कठोर कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। किसानों के इस आंदोलन से यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है, जिससे आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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