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सात साल से अलग रह रहे जोड़े को एक साथ रहने के लिए मजबूर करना क्रूरता

सात साल से अलग रह रहे दंपती को तलाक की अनुमति

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सात वर्षों से अलग रह रहे दंपती को तलाक की अनुमति देते हुए कहा कि उन्हें एक साथ रहने के लिए मजबूर करना मानसिक क्रूरता होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोनों के बीच विवाह का रिश्ता अब अव्यवहारिक हो चुका है, जिसे सुधारा नहीं जा सकता।

महिला की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश
महिला ने कुरुक्षेत्र की फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। उसने आरोप लगाया कि उसके पति और उनके परिवार ने दहेज के लिए उसे परेशान किया। फैमिली कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तलाक का आदेश दिया।

पति का अड़ियल व्यवहार और लंबी मुकदमेबाजी
हाईकोर्ट ने कहा कि लंबी मुकदमेबाजी के कारण दंपती के रिश्ते में कोई सुधार नहीं हुआ। पति ने पत्नी को वापस लाने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही उसने अपनी पत्नी और बेटे की भलाई की चिंता की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोनों को एक साथ रहने के लिए मजबूर करने से मानसिक तनाव बढ़ेगा।

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