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हैंड ग्रेनेड हमले की जांच एनआईए को सौंपी, यूटी पुलिस ने फाइल की पारित

चंडीगढ़: सेक्टर-10 की कोठी नंबर-575 में 11 सितंबर को हुए ग्रेनेड धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ पुलिस से संबंधित सभी दस्तावेज और सबूत एनआईए को सौंप दिए हैं।

यूटी पुलिस ने पहले आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी की थी, लेकिन केस एनआईए को ट्रांसफर हो जाने के कारण अब एनआईए ही चार्जशीट फाइल करेगी। एनआईए अब आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ करने की योजना बना रही है।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सेक्टर-10 शहर का सबसे पॉश क्षेत्र है, और वहां 11 सितंबर को ऑटो सवार दो युवकों ने हैंड ग्रेनेड फेंका था। हालांकि, इस हमले में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कोठी की खिड़कियों के शीशे चटक गए थे। यह कोठी पूर्व पंजाब पुलिस के एसपी जसकीरत सिंह चहल की है, जिससे यह मामला हाईप्रोफाइल बन गया है।

धमाके के कुछ घंटों बाद हैप्पी पासिया नामक एक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट जारी की गई, जिसमें जसकीरत सिंह चहल को मारने की जिम्मेदारी ली गई थी। इस पोस्ट में उल्लेख किया गया कि यह हमला 1986 में नकोदर में हुई घटना का प्रतिशोध था। बाद में मामले में पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों और अमेरिका में बैठे गैंगस्टर के संबंध भी सामने आए।
पुलिस ने पहले ऑटो चालक को गिरफ्तार किया, जिसने बताया कि दो युवकों ने 500 रुपये में ऑटो बुक किया और कोठी के पास पहुंचकर धमाका कर दिया। सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान हो गई, और पंजाब पुलिस की स्पेशल टीमों ने 72 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों रोहन मसीह और विशाल मसीह को गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारिक रूप से जांच यूटी पुलिस के पास थी, लेकिन एनआईए भी पहले दिन से मामले में शामिल थी। एनआईए ने गृह मंत्रालय को पत्राचार कर मामले की जांच पूरी तरह अपने हाथ में लेने की मांग की, जिसके बाद यूटी पुलिस को केस की फाइल एनआईए को सौंपने का आदेश दिया गया।

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