GIS सर्वे से नगर निगम में बढ़ीं आपत्तियां, 1700 मामलों का नहीं हुआ निस्तारण, अब कैंप लगाने की तैयारी
जीआईएस सर्वे के बाद हाउस टैक्स पर 1700 शिकायतें लंबित, निगम लगाएगा कैंप
मुरादाबाद: मुरादाबाद में जीआईएस सर्वे के बाद हाउस टैक्स को लेकर नगर निगम में 1700 से अधिक शिकायतें लंबित हैं। लोगों ने गलत वर्गीकरण और कवर्ड एरिया बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया है। पहली छमाही में निगम ने 22 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला है, जो पिछले साल से अधिक है।
हाउस टैक्स के लिए जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे के बाद मुरादाबाद नगर निगम में शिकायतों की भरमार है। रोजाना निगम को 15 से 20 नई आपत्तियां प्राप्त हो रही हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं कि सर्वे ठीक तरीके से नहीं किया गया। कुछ मामलों में, मकानों को काॅमर्शियल श्रेणी में रखा गया है, जबकि दुकानदारों को पूरे मकान के हाउस टैक्स का नोटिस भेजा गया है।
लोगों का कहना है कि ऑनलाइन सर्वे के चलते संपत्ति का कवर्ड एरिया ज्यादा दिख रहा है। बहुत से लोगों ने अपने घर की दूसरी या तीसरी मंजिल पर थोड़ी-बहुत निर्माण कर रखी थी, जिसे सर्वे में पूरा कवर्ड दिखा दिया गया है, जिसके चलते उनका टैक्स बढ़ गया है।
नगर निगम प्रशासन दीपावली के बाद इन सभी आपत्तियों के निस्तारण के लिए कैंप लगाने की योजना बना रहा है।
पहली छमाही में हुई 22 करोड़ की वसूली
नगर निगम ने जीआईएस सर्वे के बाद की पहली छमाही में 22 करोड़ आठ लाख रुपये का टैक्स वसूला है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 19 करोड़ 73 लाख रुपये की वसूली हुई थी। अधिकारियों का दावा है कि नए निर्माण और नई संपत्तियों के कारण टैक्स में बढ़ोतरी हुई है।
केस एक: मंडी चौक के निवासी आशीष अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि उनके भवन को व्यावसायिक वर्ग में रखा गया है, जबकि घर में कोई दुकान या किरायेदार नहीं है।
केस दो: सराफा बाजार के संदीप मित्तल ने बताया कि उन्हें पूरे भवन का हाउस टैक्स जमा करने का नोटिस भेजा गया है, जबकि उनकी बाजार में केवल एक दुकान है।
नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने कहा कि सभी आपत्तियों की स्थलीय जांच की जाएगी और नए कैंप लगाए जाएंगे ताकि जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सके।