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पंजाब की जेलों में मोबाइल कल्चर केंद्रीय एजेंसियों के लिए सिरदर्द

जेल प्रशासन की लापरवाही से गैंगस्टरवाद को मिल रहा है बढ़ावा

पंजाब: पंजाब की जेलों में मोबाइल कल्चर की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि यह न केवल जेल प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए भी सिरदर्द का कारण बन गई है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, जेलों में मोबाइल फोन का उपयोग लगातार बढ़ रहा है, जिससे सुरक्षा और विधि व्यवस्था को खतरा पैदा हो रहा है।

जेल प्रशासन की लापरवाही:
पंजाब में जेलों के प्रशासन की आलोचना इस बात को लेकर हो रही है कि वे बंदियों को समय पर खाना मुहैया नहीं कराते, लेकिन मोबाइल फोन के उपयोग पर नकेल डालने में असफल हैं। जेल प्रशासन की चैकिंग के दौरान केवल कुछ मोबाइल फोन पकड़े जाने से समस्या की गंभीरता का आभास नहीं होता।

गैंगस्टरवाद को बढ़ावा:
इस मोबाइल कल्चर के चलते गैंगस्टरवाद में इजाफा हो रहा है, क्योंकि बंदी मोबाइल के माध्यम से बाहरी दुनिया से संपर्क साध रहे हैं। इससे आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि हो रही है, जो कि कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।

केंद्रीय जांच एजेंसियों की चिंता:
यह समस्या केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि जेलों में इस मोबाइल कल्चर को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएं। यदि यह स्थिति बनी रही, तो जेलें गैंगस्टरवाद के केंद्र में तब्दील हो जाएंगी।

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