News around you

विपक्ष के नेता, बे-बुनियाद, तर्कहीन और गैर-जिम्मेदाराना बयानों से लोगों को गुमराह कर रहे हैं

मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अधूरी जानकारी के लिए बाजवा की कड़ी आलोचना

चंडीगढ: -पंजाब के मुख्यमंत्री ने आज विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर तथ्यों से रहित अधूरी जानकारी के जरिए लोगों को गुमराह करने के लिए कड़ी आलोचना की।

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, “यह सबसे उपयुक्त समय है कि बाजवा राजनीति को अलविदा कह दें क्योंकि वह मीडिया में सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए लगातार झूठ बोल रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि पी.आर.-126 पर बाजवा का बयान पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना, बेबुनियाद और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ बार-बार इस बात पर जोर दे चुके हैं कि लंबी अवधि वाली किस्म (पूसा-44) की तुलना में पी.आर.-126 किस्म 20 से 25 प्रतिशत तक पानी की बचत करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसमें पराली का बोझ 10% कम है, अवशेष प्रबंधन के लिए 25-40 दिन का अधिक समय मिलता है, और प्रति एकड़ 5000 रुपये की लागत की बचत होती है, जिससे किसानों को लाभ होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी फायदों के कारण ही इस किस्म ने पिछले पांच वर्षों में 13.9 प्रतिशत से 45.0 प्रतिशत तक का क्षेत्र बढ़ाने के साथ-साथ राज्य के किसानों में अधिक लोकप्रियता हासिल की है। बाजवा के दावों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और प्रतिनिधियों के साथ 9 मई, 2024 को पी.ए.यू., कैंप कार्यालय मोहाली में एक बैठक भी बुलाई गई थी, जहां चावल मिलरों ने पी.आर.-126 की मिलिंग गुणवत्ता पर पूरी संतुष्टि व्यक्त की थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कांग्रेस नेता केवल बेबुनियाद बयानों के माध्यम से किसानों और आम जनता को गुमराह कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसल की निर्विघ्न खरीद और भुगतान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पूरी खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसान बाजवा और उनकी पार्टी के संदेहास्पद चरित्र से भली-भांति परिचित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग विपक्ष के नेता के भ्रामक प्रचार में नहीं आएंगे।                                                                                                                                                                      (डी.पी.आर. के इनपुट के साथ)

You might also like

Comments are closed.