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हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस से पूछा: संशोधित साइलेंसर पर अब तक कितने चालान किए गए?

चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को आदेश दिया है कि वह मोडिफाई साइलेंसर के तहत अब तक किए गए चालानों का विस्तृत ब्योरा पेश करे। कोर्ट ने कहा है कि सभी को यह पता है कि साइलेंसर को मोडिफाई करवाना बैन है, लेकिन फिर भी कई युवक इन नियमों की अवहेलना करते हुए बाइक चला रहे हैं, जो सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना है।
यह मामला डॉ. भवनीत गोयल द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका से संबंधित है, जिसमें मोडिफाई साइलेंसर से उत्पन्न तेज ध्वनि से लोगों को हो रही परेशानी का उल्लेख किया गया है।
बुलेट मोटरसाइकिल से उत्पन्न ध्वनि पर कार्रवाई का दबाव
हाईकोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि यूटी पुलिस ने चालान से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए, जिन्हें कोर्ट ने केवल कागजी कार्रवाई मानते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट का मानना है कि भले ही बुलेट मोटरसाइकिल से उत्पन्न शोर में कुछ कमी आई है, लेकिन फिर भी ऐसे वाहन अभी भी सड़कों पर चल रहे हैं, जो नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं।
कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि युवा कानून को अपने हाथ में लेकर पूरे शहर में घूम रहे हैं और पुलिस उन्हें रोकने में असमर्थ है, तो यह स्थिति पुलिस की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
न्यायालय के आदेशों की अवमानना पर चिंता
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि बुलेट मोटरसाइकिल से पटाखे फोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और यह जानने की आवश्यकता है कि वे कौन लोग हैं जो न तो पुलिस का डर मानते हैं और न ही न्यायालय के आदेशों की परवाह करते हैं। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल न्यायालय के आदेशों की अवमानना हैं, बल्कि यह न्यायालय का अपमान भी है।

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