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राइस मिलर्स और सरकार में बातचीत असफल, मंडियों में धान की खरीद धीमी

करनाल : विभिन्न जिलों से 37 हजार किसान करीब 2.18 लाख टन धान मंडियों में लेकर पहुंच चुके हैं, लेकिन अब तक केवल 28 हजार टन धान की सरकारी खरीद हो पाई है। इस स्थिति के कारण 1.90 लाख टन धान मंडियों में भंडारण की समस्या पैदा कर रहा है, जिससे किसान बेहद परेशान हैं।
हरियाणा की मंडियों में धान की अधिकता होने के बावजूद सरकारी खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। कैथल, करनाल और कुरुक्षेत्र में धान की खरीद न होने से नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि वे 10 दिनों से परेशान हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। दूसरी ओर, राइस मिलर्स की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के साथ हुई बैठक में भी कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है।
करनाल राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान, सौरभ गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार बैठकें करके केवल समय बिता रही है। अधिकारियों के पास उनकी मांगों पर फैसला लेने की शक्ति नहीं है, जिसके चलते मंडियों में पहुंचा धान भंडारण की दिक्कत के कारण सड़क पर रखने की स्थिति में आ गया है।
इस बीच, राइस मिलरों ने सीएमआर पॉलिसी के विरोध में परमल धान की खरीद भी बंद कर दी है। आढ़तियों का कहना है कि बिना राइस मिलर्स के, वे मंडियों से पीआर धान की खरीद नहीं करने देंगे।
बाजरा की खरीद भी जारी
महेंद्रगढ़ की तीन मंडियों में पहले दिन 3500 क्विंटल बाजरे की आवक हुई, जिसमें 2500 क्विंटल की खरीद की गई। झज्जर मंडी में 10,960 क्विंटल और रेवाड़ी की मंडियों में 6000 क्विंटल बाजरा पहुंचा, जिसमें 5000 क्विंटल खरीदा गया है। हालांकि, चरखी दादरी व भिवानी जिले में अभी बाजरे की आवक शुरू नहीं हुई है।

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