घुटने की माइक्रोप्लास्टी के बाद मैक्स अस्पताल, मोहाली में महिला को मिला नया जीवन
मोहाली : पटियाला की एक पचास वर्षीय महिला को मैक्स अस्पताल , मोहाली में घुटने की सफल माइक्रोप्लास्टी (आंशिक नी रिप्लेसमेंट ) के बाद हाल ही में नया जीवन मिला है।
पिछले कुछ सालों से, चलने में असमर्थता के कारण महिला अपने दैनिक दिनचर्या के काम करने में असमर्थ थी और पूरी तरह से अपने परिवार के सदस्यों पर निर्भर थी।
डॉ जतिंदर सिंगला डाइरेक्टर आर्थोपेडिक्स और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट द्वारा महिला की कंडिशन के गहन मूल्यांकन के बाद टोटल नी रिप्लेसमेंट के बजाय माइक्रोप्लास्टी की गई ।
डॉ. सिंगला से बताया कि कम इन्वेसिव या आंशिक नी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट से गठिया का पता चलता है । दोनों प्रक्रियाएं टोटल नी रिप्लेसमेंट व माइक्रोप्लास्टी गठिया के कारण पुराने घुटने के दर्द को कम करने के लिए हैं।इन दोनों सर्जरी में पहले हड्डी और सॉफ्ट टिशू को काटकर कृत्रिम घुटने के ज्वाइंट कम्पोनन्ट को लगाने की आवश्यकता होती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि अल्पकालिक कार्यात्मक परिणाम अच्छे होते हैं जहां रोगी सर्जरी के बाद कम दर्द का अनुभव करते हैं और तुलनात्मक रूप से कम अवधि में अपने घुटनों के उपयोग को पुनः प्राप्त करते हैं। माइक्रोप्लास्टी एक आसान पोस्ट-सर्जिकल रिकवरी की अनुमति देता है, जबकि लंबी अवधि में, यह बराबर या कभी-कभी बेहतर परिणाम प्रदान करता है।
सर्जरी के दो सप्ताह बाद महिला अपना सामान्य जीवन जीने में सक्षम हो गई। अब वह बिना किसी दर्द के और किसी की भी मदद से स्वतंत्र रूप से चल भी सकती है। (रोशन लाल शर्मा की रिपोर्ट)
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