News around you

नशे के काले कारोबार में पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

जालंधर: पंजाब राज्य में नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस की साख को एक और बड़ा झटका लगा है। हाल ही में डीएसपी वविंदर कुमार महाजन की गिरफ्तारी ने नशा तस्करों और पुलिस के बीच संबंधों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

खाकी की बदनामी
नशा तस्करी का कारोबार पंजाब में पुलिस के नाक के नीचे तेजी से फल-फूल रहा है। कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है, फिर भी पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। भोला ड्रग रैकेट जैसे बड़े मामलों में भी पुलिस के लिंक सामने आए हैं, जिससे साफ है कि नशा तस्करों और खाकी के बीच गठजोड़ टूट नहीं रहा है।
डीएसपी की गिरफ्तारी डीएसपी वविंदर कुमार महाजन, जो पहले एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स में तैनात थे, पर आरोप है कि उन्होंने नशा तस्करों के साथ मिलकर मीटिंगें आयोजित कीं। उनकी गिरफ्तारी ने नशा विरोधी मुहिम पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं। महाजन के कंधों पर तस्करों को सलाखों के पीछे डालने की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह खुद नशे के रैकेट का हिस्सा बन गए।

सामाजिक मुद्दे
इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि नशे की समस्या को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता को रेखांकित किया है। अब यह देखना है कि पंजाब पुलिस इस मामले में किस तरह से अपनी छवि को सुधारती है और नशा तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाती है।

You might also like

Comments are closed.