पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में कहा- अमृतपाल और उसके साथियों से सीएम मान की जान को खतरा
मृतपाल और सहयोगियों से मुख्यमंत्री भगवंत मान को जान का खतरा
पंजाब सरकार का रुख:
पंजाब :खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल और उनके साथियों की याचिका, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने और हिरासत अवधि को विस्तार देने को चुनौती दी गई है, पर पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल किया है। सरकार ने अदालत को बताया कि इनकी रिहाई से राज्य की कानून व्यवस्था और मुख्यमंत्री भगवंत मान को खतरा हो सकता है।
अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर का वीडियो:
पंजाब सरकार ने यह भी बताया कि अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के बाद अमृतपाल ने एक वीडियो बनाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएम मान भी बेअंत सिंह की तरह हश्र भुगतेंगे। वीडियो में इशारा किया गया कि जिस तरह से बेअंत सिंह की हत्या मानव बम द्वारा की गई थी, वैसा ही कुछ सीएम के साथ भी हो सकता है।
याचिकाकर्ताओं के आरोप
राजनीतिक असहमति का आरोप:
अमृतपाल के साथियों सरबजीत सिंह कलसी, गुरमीत गिल, पपलप्रीत सिंह व अन्य ने याचिका में तर्क दिया कि उनके खिलाफ एनएसए लगाने की कार्रवाई असंवैधानिक और कानून के खिलाफ है। उन्होंने इसे राजनीतिक असहमति का परिणाम बताते हुए दुर्भावनापूर्ण बताया है।
हिरासत को असंवैधानिक बताया:
याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं बनता जिससे निवारक हिरासत में रखने का आदेश दिया जा सके। इसके अलावा, उनकी हिरासत को पंजाब से दूर रखकर स्वतंत्रता से वंचित किया गया है, जो असामान्य और क्रूर है।
कोर्ट की कार्यवाही
हाईकोर्ट की सुनवाई:
हाईकोर्ट में अमृतपाल और उनके साथियों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है। अदालत ने पंजाब सरकार से एनएसए लगाने से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड तलब किया है और केंद्र सरकार से इसे कन्फर्म करने का आधार बताने को कहा है। अदालत ने 3 अक्तूबर तक दोनों सरकारों से आवश्यक जानकारी देने का निर्देश दिया है।
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