कांग्रेस की प्रचार में सुस्ती, दिल्ली में उलझे नेता… भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
हरियाणा विधानसभा चुनाव: भाजपा का दमदार प्रचार, कांग्रेस के नेता टिकटों में उलझे
हरियाणा में 5 अक्तूबर को चुनाव होने हैं, और 8 अक्तूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। कांग्रेस के प्रचार में पिछड़ने का प्रमुख कारण दस साल से संगठन की मजबूती का अभाव और भाजपा के मजबूत कैडर को माना जा रहा है। टिकट वितरण से पहले कांग्रेस का चुनाव प्रचार भाजपा से पीछे दिखाई दे रहा है। पिछले 15 दिनों में भाजपा ने प्रदेशभर में 10 से अधिक रैलियां की हैं।
मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, और केंद्रीय मंत्रियों ने जोर-शोर से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता जैसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, कुमारी सैलजा, और रणदीप सुरजेवाला टिकट वितरण में दिल्ली में ही उलझे हुए हैं। इन नेताओं की प्राथमिकता फिलहाल अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की है, जिसके कारण वे हरियाणा में सक्रिय प्रचार से दूर हैं। हालांकि, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में नामांकन के लिए कुछ क्षेत्रों का दौरा किया और रैलियों को संबोधित किया।
भाजपा: पहले से चुनावी मोड में चुनाव घोषणा से पहले ही भाजपा पूरे जोश के साथ चुनावी तैयारी में जुटी हुई थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, और केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कई जिलों में रैलियां की हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जो चुनाव प्रभारी हैं, भी विभिन्न जिलों में बैठकें कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह लगातार अभियान की निगरानी कर रहे हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 14 सितंबर को कुरुक्षेत्र में रैली करेंगे।
कांग्रेस: बड़े नेताओं की अनुपस्थिति कांग्रेस फिलहाल टिकट वितरण में व्यस्त है। पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान दिल्ली में टिकट वितरण को लेकर डटे हुए हैं। वहीं, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला भी दिल्ली या अपने-अपने हलकों में व्यस्त हैं। हाईकमान से भी अभी तक कोई बड़ा नेता हरियाणा में नहीं पहुंचा है, हालांकि, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे प्रस्तावित हैं। पार्टी के प्रभारी शैलजा बाबरिया बीमार होने के कारण सक्रिय भूमिका में नहीं हैं।
दीपेंद्र हुड्डा: अकेले संभाल रहे प्रचार की कमान इस बीच, कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा पार्टी का प्रचार अकेले दम पर कर रहे हैं। पिछले महीने से वह ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कार्यक्रम के तहत रथ यात्रा निकाल रहे हैं और हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा पर हमलावर हैं। कुमारी सैलजा भी इससे पहले 40 से अधिक सीटों पर पदयात्रा के माध्यम से प्रचार कर चुकी हैं, लेकिन फिलहाल प्रचार की गति धीमी नजर आ रही है।
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